जमशेदपुर. बढ़ती शीतलहर के बीच शहर के साहित्य व कला प्रेमियों के लिए जमशेदपुर लिटरेचर फेस्टिवल गर्माहट लेकर आ रहा है. जो गीत, संगीत, हँसी-ठहाकों और विचारों का अनूठा संगम प्रस्तुत करेगा. देश भर से कई दिग्गज कलाकार, साहित्यकार, कार्टूनिस्ट और पत्रकार इस आयोजन में शिरकत करने के लिए जमशेदपुर आ रहे हैं.
हिंदी कविता-संगीत का रॉकस्टार : राहगीर
राजस्थान के सीकर के घुमक्कड़ लेखक-गायक सुनील कुमार गुर्जर, जिन्हें देश-विदेश में “राहगीर” के नाम से जाना जाता है, 20 दिसंबर की शाम शहरवासियों को अपनी प्रस्तुति से मंत्रमुग्ध करेंगे. सरल लेकिन असरदार लेखन, लोकधुनों की मिठास, गिटार की जादुई संगत और उनकी विशिष्ट गायन शैली युवाओं के बीच राहगीर को एक फेनोमेना बना देती है. उनके गीत भारत के लगभग सभी प्रमुख शहरों में लगातार हाउसफुल प्रस्तुतियाँ दे चुके हैं.
आयोजन में आएंगे आबिद सुरती और मनोज सिन्हा
कालजयी कॉमिक पात्र ‘डब्बू जी’ और ‘बहादुर’ के सर्जक, 90 वर्ष से अधिक की आयु में भी ऊर्जा से भरपूर आबिद सुरती, मुंबई से इस उत्सव में शामिल होने आ रहे हैं.
उनकी कला हँसी, व्यंग्य और जीवन-अनुभव का अद्भुत मिलन है और हर उम्र के रचनाकारों के लिए प्रेरणा भी देता है.
उनके साथ होंगे समकालीन भारतीय कार्टून जगत के चर्चित चेहरे मनोज कुमार सिन्हा, जो रांची में पले-बढ़े और वर्तमान में दिल्ली में सक्रिय हैं. उनके कैरिकेचर समाज का सच बड़ी सहजता से सामने रख देते हैं. तीखा व्यंग्य, हास्य की बारीक परतें और मानवीय संवेदना मनोज सिन्हा को विशेष बनाती हैं.
कैसे लें भाग?
जमशेदपुर लिटरेचर फेस्टिवल में भाग लेने हेतु पंजीकरण जारी है. रु. 1000 के पंजीकरण शुल्क में प्रतिभागियों को आयोजन किट, दोनों दिन दोपहर का भोजन और प्रवेश पत्र प्राप्त होगा. छात्र-छात्राओं हेतु शुल्क मात्र रु. 500 रखा गया है.
व्यापारी और उद्यमी भी हैं आयोजन में सक्रिय
जमशेदपुर में पहली बार आयोजित हो रहे इस लिटरेचर फेस्टिवल को लेकर कारोबारियों और उद्योगपतियों में भी अत्यधिक उत्साह है. सिंहभूम चैंबर के उपाध्यक्ष अभिषेक अग्रवाल गोल्डी, पुनीत कांवटिया, रोहित अग्रवाल,उद्यमी किशन सोंथालिया, मनोज अग्रवाल,
नितिन भालोटिया ‘चिंटू’, आलोक चौधरी, राहुल चौधरी,महेश अग्रवाल, कुशलपल्ली के नरेश अग्रवाल,एएसआईए के ट्रस्टी संतोष खेतान तथा कोलकाता के चार्टर्ड अकाउंटेंट माधव खंडेलवाल कार्यक्रम की सफलता में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं.
जमशेदपुर के साहित्यकारों और कलाकारों में उत्साह चरम पर
स्थानीय कलाकारों, लेखकों, कवियों और छात्रों में जबरदस्त उत्साह है. शहर में पहली बार इतने बड़े पैमाने पर होने वाला यह आयोजन जमशेदपुर को राष्ट्रीय साहित्यिक मानचित्र पर एक नई पहचान देगा


