जमशेदपुर.


जमशेदपुर को क्लीन सिटी, ग्रीन सिटी और स्टील सिटी कहा जाता है.क्लीन सिटी का खिताब तो अब ‘दिल्ली दूर है’ लगती है.पिछले स्वच्छता सर्वेक्षण में इतना पीछे जाना यूं ही नहीं हुआ है.अगर आप पूरा शहर घूम लें तो बिष्टुपुर जैसे पाॅश इलाके की पोल खुल जाएगी.पूरा शहर टाटा कमांड एरिया और जमशेदपुर नोटिफायड एरिया कमेटी(जे एन सी) के बीच विभक्त है.टाटा कमांड एरिया में किसी जमाने में काफी साफ सफाई रहती थी मगर अब हकीकत बदल गई है.ऐसा नहीं कि लोग जिम्मेदार नहीं मगर लोगों के बीच न तो जागरुकता अभियान चलाया जाता है और न ही साफ सफाई में अच्छा प्रदर्शन करनेवाले लोगों/प्रतिष्ठानों को पुरस्कृत ही किया जाता है.
उपरोक्त तस्वीरें जमशेदपुर के पाॅश माने जाने वाले इलाके बिष्टुपुर के बीच एस पार्क प्लाजा के पीछे की है जहां कचरे का ढेर लगा हुआ है.पास ही दुकान चलानेवाले बताते हैं कि कई साल पहले गर्व होता था कि वे लोग टिस्को एरिया में हैं मगर अब कोई सुधि नहीं लेता.व्यवसाई संतोष संघी और अमित बताते हैं कि गली में तीन महीने से कचरे का अंबार बढ़ता जा रहा है लेकिन टाटा स्टील यूआईसीएल (जुस्को) को शिकायत करने पर कहा जा रहा है कि उनकी जिम्मेदारी नहीं है. उधर कुछ लोगों का कहना है कि जमशेदपुर नोटिफायड एरिया से भी निराशा ही हाथ लगी है. हालांकि ज्यादातर लोगों ने कहा कि वे लोग शुरू से ही जुस्को को ही शिकायत करते रहे हैं और पहले हालात ऐसे बुरे न थे.इस संबंध में बिहार झारखंड न्यूज नेटवर्क की ओर से टाटा स्टील यूआईसीएल (जुस्को) काॅरपोरेट कम्युनिकेशन से संपर्क करने की कोशिश की गई लेकिन फोन रिसीव नहीं किया गया..