JAMSHEDPUR –हरपाल सिंह थापर की घाघीडीह जेल में हुई मौत की सीबीआई जांच की जागो ने की मांग

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मनजीत सिंह  के ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को लिखा पत्र

जागो पार्टी के अन्तर्राष्ट्रीय अध्यक्ष मनजीत सिंह जीके ने सामाजिक कार्यकर्ता तथा अनाथ आश्रम संचालक हरपाल सिंह थापर की घाघीडीह जेल में हुई मौत की सीबीआई जांच की मांग को लेकर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखा है। जीके ने लिखा है कि मदर टेरेसा वेलफेयर ट्रस्ट के संस्थापक हरपाल सिंह थापर को झूठे आरोपों में जेल भेजने के बाद, घाघीडीह जेल में टार्चर करने तथा उसके बाद जेल में समुचित इलाज ना मिलने के कारण मौत होने का मामला मेरे सामने लाया गया है। थापर के परिजनों ने जेल में पिटाई का भी आरोप लगाया है। टेल्को घोड़ाबांधा स्थित शमशेर टावर में थापर और उनकी पत्नी अनाथ बच्चों के लिए ट्रस्ट का संचालन करते थे। जिसमें करीब 40 बच्चे रहते थे। जिनका पालन पोषण थापर अपने आर्थिक स्रोतों से करके समाज की बड़ी सेवा कर रहे थे। बताया जा रहा है कि भूमाफिया की इस जमीन पर नजर थी, जिस वजह से साजिश करके थापर को यौन शौषण के फर्जी आरोपों में जेल भेजने का परिवार दावा कर रहा है। चूंकि हरपाल सिंह थापर मदर टेरेसा वेलफेयर ट्रस्ट के संचालक थे, जिसकी काफी संपत्ति बताई जा रही है। इनके अनाथ आश्रम में लावारिस बच्चों को रखा जाता था। थापर और उनकी पत्नी पुष्पा तिर्की सहित चार लोगों को 15 जून को पुलिस ने ट्रस्ट के नाबालिगों से अश्लील हरकत सहित अन्य आरोपों में मध्यप्रदेश से गिरफ्तार किया था। उसके बाद 17 जून से ही वो जेल में थे। बताया जा रहा है कि बीते शुक्रवार की देर रात घाघीडीह जेल के वार्ड में कैदियों ने शोर मचाया कि थापर की स्थिति गंभीर है और अचानक उन्होंने कुछ बोलना बन्द कर दिया है। जिसके बाद वार्ड से निकाल कर उन्हें मेडिकल वार्ड में लाया गया और उसके बाद एमजीएम अस्पताल ले जाए जाने पर उन्हें मृत घोषित किया गया। लेकिन झूठे आरोपों को साबित होने से पहले पुलिस ने अनाथ आश्रम को सील करते हुए सभी बच्चों को पटमदा गोबरघुसी बाल आश्रम में शिफ्ट करा दिया था।

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जीके ने बताया कि थापर के शरीर पर जलने-चोट के निशान मिले है। परिजनों ने आशंका जताई है कि जेल में उनको यातनाएं दी गईं है और गर्म रॉड से दागा व मारपीट की गई है। शव के पंचनामा में जख्म-शरीर में जलने के निशान व नीलापन होने की बात सामने आई है। इसके चलते मारपीट और जहर देने की आशंका भी परिवार ने जताई हैं। जबकि थापर के वकील विमल पांडेय का दावा है कि तीन दिन पूर्व हरपाल सिंह थापर ने उन्हें फोन किया था और बताया था कि जेल में मैं बहुत तकलीफ में हूं, मुझे जल्दी बेल दिलाइए। इस दौरान वो रो रहे थे। शनिवार सुबह जेल में बंद हरपाल सिंह थापर की पत्नी ने मुझे फोन कर हरपाल की मौत की जानकारी दी थी। इसके साथ ही थापर के भाई सतविंदर सिंह ने भी दावा किया है कि जेल में उनके भाई के साथ मारपीट की गई थी, जिसके चलते उनकी मौत हुई है। शरीर पर मृतक के कई जगह जख्म-घाव थे, हथेलियां नीली थी। कमर, पीठ व कई जगहों पर जलने के निशान हैं। जांघ के पीछे घाव देखकर लगता है कि गर्म रॉड घोंपा गया है। इसके अलावा बाकी वकीलों को भी इस मामले में पुलिस की कार्रवाई गलत लग रहीं हैं। क्योंकि जिस नाबालिग लड़की के यौन शौषण का दावा किया जा रहा है, वो स्कूल सर्टिफिकेट के हिसाब से बालिग है।

जीके ने सवाल पूछते हुए कहा कि जेल में थापर को क्यों पीटा गया ? जेल प्रशासन इस बात का जवाब कैसे देंगा कि एक विचाराधीन कैदी की घाघीडीह सेंट्रल जेल में पिटाई किसने की‌ ? हालांकि इस मामले में न्यायिक जांच स्थानीय कोर्ट द्वारा शुरू करने का ऐलान किया गया है। लेकिन मामले की निष्पक्ष जांच के लिए स्थानीय लोगों द्वारा सीबीआई जांच की मांग की जा रही हैैं। जीके ने सोरेन से मांग की है कि थापर के परिवार को इंसाफ दिलाने के लिए तुरंत झारखंड सरकार सीबीआई जांच की अनुशंसा करें। साथ ही थापर की पत्नी तथा अन्य लोगों को तुरंत जेल से रिहा करके उनके अनाथ आश्रम को फिर से शुरू किया जाए और प्राकृतिक न्याय के नियमों के यह अनुरूप होगा कि मामले की जांच पूरी होने तक आरोपी पुलिस अधिकारियों को तुरंत प्रभाव से सेवा से निलंबित किया जाए।

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