JAMSHEDPUR -भारतीय म्यूचुअल फंड उद्योग में तेजी से बढ़ने की क्षमता- दीपक एस पारेख

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जमशेदपुर। एचडीएफसी एसेट मैनेजमेंट कंपनी के चेयरमैन दीपक एस पारेख ने शेयरधारकों को संबोधित करते हुए कहा है कि भारतीय म्यूचुअल फंड उद्योग में तेजी से बढ़ने की क्षमता है। पारेख ने कहा कि बीता हुआ वर्ष इतिहास में सबसे कठिन वर्षों में से एक माना जाएगा। एक ऐसी आपदा, जिसने पूरी दुनिया को प्रभावित किया। कोविड-19 के कारण अर्थव्यस्था मे ंऐसे झटके पहले नहीं देखे गए, इसके चलते वैश्विक अर्थव्यवस्था में भयंकर गिरावट दर्ज की गई। वित्त वर्ष 2020-21 में भारतीय अर्थव्यवस्था भी सिकुड़ कर 7.3 फीसदी के स्तर पर पहुंच गई। आर्थिक उदारीकरण के बाद इतनी गिरावट नजर नहीं आई थी। कोविड-19 की दूसरी लहर पहले की तुलना में काफी अधिक रही है और इसने वित्त वर्ष 2020-21 की अंतिम तिमाही में अर्थव्यवस्था की रिकवरी को प्रभावित किया है। उपभोक्ता भावनाओं पर प्रभाव की चिंता के बीच सवाल है कि क्या पिछले साल की तरह अर्थव्यवस्था की रिकवरी हो पाएगी। जितना तेज गति से हालात पहले जैसे होंगे, आर्थिक गतिविधि उतनी ही तेजी से स्थिरता की ओर लौट आएगी। श्री पारेख के अनुसार, इस साल के अंत तक भारत में जनसंख्या के एक बड़े हिस्से का टीकाकरण किया जा चुकेगा। जिससे रिकवरी में मदद मिलने की संभावना है। पूरे वर्ष के आधार पर देखा जाए तो समग्र आर्थिक प्रभाव बहुत खराब होने की आशंका नहीं है बशर्ते कोरोना की स्थिति बहुत ज्यादा न बिगड़ जाए। वित्त वर्ष 2021 की चौथी तिमाही में स्वस्थ निवेश वृद्धि और उच्च बजटीय आवंटन के माध्यम से पूंजीगत व्यय को बढ़ावा देने पर केंद्र सरकार का जोर, बुनियादी ढांचे के वित्तपोषण तक पहुंच में सुधार आदि से भी अर्थव्यवस्था के पुनरुद्धार में मदद मिलनी चाहिए। उपरोक्त बातों को ध्यान में रखते हुए मेरी राय में, अनुकूल आधार प्रभाव, सहायक राजकोषीय और मौद्रिक नीति और उत्साही वैश्विक वातावरण के कारण वित्त वर्ष 2022 में अर्थव्यवस्था में मजबूत प्रगति की संभावना है।

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