जमशेदपुर : कोरोना की दूसरी लहर समाप्ति की ओर है। लेकिन अभी भी अस्पतालों में बेड की किल्लत दिखाकर मरीजों को भर्ती लेने से इनकार किया जा रहा है। ऐसा ही एक मामला टेल्को रामाधीन बागान के रहने वाले छोटेलाल प्रसाद के साथ हुआ। लीवर एवं कैंसर की बीमारी से पीड़ित छोटेलाल प्रसाद को गंभीर हालत में परिजन 9 जुलाई को लेकर टीएमएस पहुंचे। लेकिन 24 घंटा बीतने के बाद भी टीएमएच ने मरीज को भर्ती लेने से इनकार कर दिया। उसके बाद मरीज को परिजन मेहरबाई अस्पताल ले गए। वहां भी उन्हें भर्ती करने के लिए पैरवी का सहारा लेना पड़ा। इस मामले की जानकारी सामाजिक सेवा संघ को होने के बाद संघ का एक प्रतिनिधिमंडल मेहरबाई अस्पताल पहुंचा तथा मरीज की हालत को देखते हुए प्रबंधन से वार्ता कर मरीज को भर्ती कराया। जिसके बाद परिजनों ने राहत की सांस ली। संघ के संयोजक राजेश सामंत ने बताया कि अभी भी बड़े अस्पतालों में गरीबों को परेशान किया जा रहा है। भर्ती होने के लिए पैरवी की जरूरत पड़ रही है। जबकि सुबे के स्वास्थ्य मंत्री शहर के ही हैं। उन्होंने कहा कि ऐसी परिपाटी या मानसिकता बदलनी चाहिए। प्रतिनिधिमंडल में सपन करवा, राजेश सामंत, अखिलेश महतो, सोनू श्रीवास्तव, शिशिर वर्मा, किसनों हेंब्रम आदि शामिल थे।
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