Jamshedpur:अगले बरस फिर आना मां कहकर मां दुर्गा को भक्तों ने दी विदाई

अगले बरस फिर आना मां कहकर मां दुर्गा को भक्तों ने दी विदाई, कालीबाड़ी में महिलाओं ने 'सिंदूर खेला' की परंपरा निभाकर लिया आशीर्वाद

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जमशेदपुर.

आज विजयादशमी है.शारदीय नवरात्रि के दसवें दिन मां दुर्गा की विदाई के दौरान ‘सिंदूर खेला’ की परंपरा है.इसी परंपरा के तहत जमशेदपुर के कालीबाड़ी में महिलाओं ने एक दूसरे को सिंदूर लगाकर शुभकामनाएं दी और मां दुर्गा से आशीर्वाद लेकर नाच गाकर उन्हें विदा किया.सबने एक स्वर में कहा –मां अगले बरस तुम फिर आना….

सिंदूर खेला का इतिहास
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बताया जाता है कि सिंदूर खेला की परंपरा साढ़े चार सौ साल से भी ज्यादा पुरानी है.बंगाल में इसकी शुरुआत हुई थी.झारखंड के जमशेदपुर, रांची और अन्य इलाकों में भी इस परंपरा का पालन किया जाता है.कालीबाड़ी और ब्रह्मानंद संघ के निदेशक मोनू भट्टाचार्य ने कहा कि चैत नवरात्रि का अलग ही महत्व है.उन्होंने बताया कि परंपरा के मुताबिक सिंदूर खेला के दौरान मां को सिंदूर लगाकर पान और मिठाई का भोग लगाया जाता है.स्निग्धा भट्टाचार्या ने बताया कि मां दुर्गा के माथे पर भी सिंदूर लगाकर आशीर्वाद लिया जाता है.उसके बाद फिर महिलाएं एक दूसरे को सिंदूर लगाती हैं.

उपस्थित महिलाओं ने बताया कि सिंदूर खेला दर असल मां दुर्गा की विदाई का उत्सव है.भले ही विदाई के समय लोग भावुक हो जाते हैं और आंसू निकल जाते हैं, पर एक उम्मीद रहती है कि फिर अगले साल मां दुर्गा धरती पर आएंगी और अपना आशीर्वाद भक्तों को देंगी.

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