Jamshedpur Co-operative College:कॉलेज की व्यवस्था सुधारने में प्राचार्य दिनरात जुटे, कॉलेज के बाहर ही लगाया कार्यालय

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JAMSHEDPUR।

झारखंड के जमशेदपुर  को ऑपरेटिव कॉलेज के प्राचार्य डा अमर सिंह के द्वारा दिनरात कॉलेज की विकास के पथ पर ले जाने की कवायद में लगे हुए है। इसको लेकर उनके द्वारा महाविधालय के विकास कार्य का स्वयं देखरेख कर रहे है। चाहे वह पार्किग की व्यवस्था हो या फिर मुख्य गेट की सुरक्षा से सबंधी कार्य हो। महाविद्यालय के प्रशासिनक भवन जाने के मार्ग में रास्ता पुरी तरह से जर्जर हो गया था। जिसको तत्काल मजदूरों को बुलाकर बेहतर कार्य कराने में जुट गए। कार्य बेहतर तरीके से हो इसको लेकर कार्य स्थल पर घंटो रहकर कार्य को अपने देखरेख में सम्पादन कराने में लग गए। इसको लेकर दिनभर महाविधालय के आवश्यक संचिका का निष्पादन भी उसी स्थल से किया। जिसको लेकर कई शिक्षक व शिक्षकेतर कर्मचारी , छात्र हतप्रभ रह गए। वर्तमान समय में महाविद्यालय में कई विकास के कार्य उनके नेतृत्व में कराए जा रहे हे। जिसमें कैंटिन के जीणोद्धार का कार्य जिसका प्रस्ताव बनकर तैयार हो गया है। पुरे महाविद्यालय में प्रकाश की व्यवस्था करीब 60 टयूब लाइट एवं बल्ब से किया गया। महाविद्यालय की सुरक्षा को लेकर सुरक्षाकर्मी को बहाल करना एक बड़ा कार्य माना जा रहा है। इतना ही नही महाविद्यालय के जर्जर सड़क व पार्किग की व्यव्सथा को दुरूस्त करने को लेकर प्रयासरत है।महाविद्यालय के विकास के लिए सभी कमिटियाँ व उनके नोडल ऑफिसर एवं को-ऑर्डिनेटर भी जी जान से लगे हुए है – AISHE के प्रो0 ब्रजेश कुमार,नैक एवं रूसा को-ऑर्डिनेटर डॉ0 मुश्ताक अहमद, आई क्यू एस सी को-ऑर्डिनेटर डॉ0 नीता सिन्हा, बीएड हेड डॉ0 राजू ओझा, वोकेशनल इंचार्ज स्वरूप कुमार मिश्रा,परीक्षा नियंत्रक डॉ0 भूषण कुमार सिंह, उप परीक्षा नियंत्रक डॉ0 आर0एस0पी0 सिंह, इंटर शिक्षक राजीव दुबे , सभी शिक्षक व गेस्ट शिक्षक तथा शिक्षकेतर कर्मचारी भी जी जान से महाविद्यालय विकास कार्यों में लगे हैं हाल के दिनों में महाविद्यालय में विकास के लिए एक दर्जन से ज्यादा कमेटी का गठन किया गया। इस सबंध में प्राचार्य डा अमर सिंह ने कहा कि जमशेदपुर को ऑपरेटिव कॉलेज पूर्व के समय में शहर का सबसे बड़ा कॉलेज था। इसको अपने पूर्व के नाम की तरह स्थापित करने का प्रयास किया जा रहा है। वही उनका प्रयास है कि नैक में बेहतर ग्रेड़िग दिलाकर महाविद्यालय को पहले मॉडल कॉलेज एवं उसके बाद विश्वविधालय के रूप में स्थापित करना है।

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