जमशेदपुर
हम ऐसे वक्त में जी रहे हैं, जहां ग्लोबल वार्मिंग का खतरा दुनिया भर में मंडरा रहा है। ऐसे में पवन ऊर्जा जैसे ऊर्जा रूपों का कुशल तरीके से उपयोग करना
महत्वपूर्ण हो जाता है। पवन ऊर्जा वर्तमान में एक परिपक्व और मुख्यधारा की तकनीक है
इकोसिस्टम रिस्टोरेशन यानी मानव के द्वारा जंगलों के कटने, ताल- तलैया के विलुप्त होने, पेड़ पौधों के कटने की वजह से वन क्षेत्र कम होने, वाहनों के ज्यादा इस्तेमाल , औद्योगिक प्रदूषण से हवा की गुणवत्ता खराब होने जैसे मसलों में सुधार करना है
ऑक्सीजन की कमी को दूर करने के लिए पौधे लगाना बहुत जरूरी है
पूरे विश्व में तेजी से फैल रही कोरोना वायरस के कुप्रभावऔर उससे उत्पन्न महामारी की स्थिति को देखते हुए सोशल मीडिया के माध्यम से निशुल्क पौधा वितरण का प्रचार प्रसार किया गया एवं 15 जून को 50 पौधे वितरित किए गए हैं जिनमें जूही फूल है रात की रानी फूल, ब्राह्मी ,त्रिफला का पौधा (आंवला, हरे एवं बहेरा)पाथर कुची( पथरी नाशक) कटहल, कचनार फूल, लाल फूल वाला सीता अशोक, गिलोय ( अमृता) , कटहल, साल का पौधा पपीता , जावा फूल (उरहुल) , तुलसी एवं अब शम्मी का पौधा तथा अन्य तरह के पौधे आनंद मार्ग यूनिवर्सल रिलीफ टीम ग्लोबल एवं प्रीवेंशन आफ क्रुएलिटी टू एनिमल्स एंड प्लांट्स (PCAP)जमशेदपुर की ओर से “एक पेड़ कई जिंदगी” अभियान के तहत निशुल्क पौधा वितरण कार्यक्रम कोरोना वायरस के दुष्प्रभाव के कारण सोशल डिस्टेंस, हंडगलप्स, एवं मास्क पहनकर इच्छा अनुसार सोनारी में लोगों के बीच पौधा वितरित किया गया प्रत्येक व्यक्ति को 4 से 5 प्रकार के फलदार पौधे दिए गए
सुनील आनंद ने पर्यावरण के महत्व के विषय में बताते हुए कहा कि सन 1980 के बाद से धरती की सतह का औसत तापमान तकरीबन 1 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ गया है नासा का कहना है कि यह गर्मी कार्बन डाइऑक्साइड के उत्सर्जन ग्रीन हाउस गैसों और पर्यावरण के साथ छेड़छाड़ के कारण उत्पन्न हुई है जंगलों की अंधाधुंध कटाई ने इस समस्या को गंभीर कर दिया है जो कार्बन डाइऑक्साइड पेड़-पौधे शोख लेते थे वह अब वातावरण में घुल रही है दूसरी ओर ब्रिटिश मौसम वैज्ञानिकों ने चेताया है कि अगले 5 साल 10 वर्षों के मुकाबले अधिक सर्वाधिक गर्म रहने वाले हैं तापमान बढ़ने का सीधा खेती किसानी पर पड़ेगा और पैदावार कम हो जाएगी कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि 1 डिग्री तापमान बढ़ने से पैदावार में 3 से 7 फ़ीसदी की कमी आ जाती है भारत में पर्यावरण को लेकर एक बड़ा खतरा पॉलिथीन और प्लास्टिक से भी है आनंद मार्ग यूनिवर्सल रिलीफ टीम ग्लोबल जमशेदपुर की ओर से इस समस्या से उबरने के लिए एक पेड़ कई जिंदगी कार्यक्रम के तहत एक छोटा सा प्रयास संस्था की ओर से की जा रही है प्रत्येक महीने कम से इसी तरह प्रत्येक महीने में संस्था की ओर से रक्तदान शिविर एवं मोतियाबिंद जांच शिविर में भाग लेने वाले सभी लोगों को पौधा दिया जाता है पौधा देने का तरीका यह है कि जो भी अपनी योग्यता के अनुसार है पौधा लेते हैं फलदार पौधे ,शो वाले पौधे, फूल वाले पौधे एवं औषधीय पौधे दिए जाते हैं जनप्रतिनिधियों को भी पौधा भेंट किया जाता है
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