जमशेदपुर।
कविता पावस की मासिक काव्य गोष्ठी में शहर के कवियों ने अपनी अपनी रचनाओं का पाठ किया तथा उस पर आलोचनात्मक विवेचना की गई।गोष्ठी की शुरुआत युवा कवि अभिषेक गौतम की कविता ‘सिलबट्टा’ से हुई जिसमें पत्थर काटकर सिल बट्टे बनाने वाली महिलाओं की व्यथा का मार्मिक चित्रण है। युवा कवि सुशांत ने एक गीतिमय रचना ‘युगपुरुषम्’ का पाठ किया जिसमें उन्होंने ऊंचे लक्ष्य के लिए लगातार नई राहें तलाशते हुए परिश्रम करते रहने पर बल दिया।
रविकांत मिश्र ने अपनी रचना में रंग कर्मियों की वेदना का चित्रण किया। गौतम गोप की रचना मानव मन के छिपे परतों की बानगी प्रस्तुत करती दिखी। आशुतोष झा ने कविता ‘कहा उसने’ का पाठ किया तथा गोष्ठी की अध्यक्षता कर रहे कोल्हान विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष डॉक्टर लक्ष्मण प्रसाद ने छोटी बहर की महत्वपूर्ण ग़ज़ल ‘दुनिया एक मयखाना यारों’ से उपस्थित श्रोताओं का मन मोह लिया ।
इस अवसर पर बादल केवट, सौरभ नंदी, निशान सिंह, चंदन कुमार सिंह तथा अंकुर सारस्वत इत्यादि साहित्यकार भी उपस्थित रहे.इसके पूर्व नाट्य लेखन के लिए दिल्ली सरकार का प्रतिष्ठित मोहन राकेश सम्मान प्राप्त करने पर शहर के चर्चित रंगकर्मी तथा नाट्य लेखक श्री रवि कांत मिश्रा जी को सम्मानित किया गया साथ ही इस वर्ष की झारखंड एकेडमिक काउंसिल द्वारा आयोजित 12वीं कला संकाय की परीक्षा में कोल्हान प्रमंडल के टॉपरों में से एक मनोज गुरुम को भी सम्मानित किया गया ।
उपर्युक्त कार्यक्रम का संचालन आशुतोष कुमार झा तथा धन्यवाद ज्ञापन अंकुर सारस्वत ने किया।
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