संवाददाता.सरायकेलाःखरसांवा ,06 दिसंबर.
सरायकेलाःखरसांवा जिला के चांडिल ईचागढ़ विधान सभा क्षेत्र के चांडिल प्रखंड अन्तर्गत हेंसाकोचा, तानिसोया, मुटुदा, गेंगदा, हाथीकोचा गांव आजादी से अबतक मुल भुत सुविधा से वंचित है। वंचित रहने के कारण 9 दिसंम्बर 2014 को होने वाले विधान सभा चुनाव को तीन गांव के ग्रामीणों ने वोट केा बहिष्कार करने का निर्णय लिया है । चारो गॉंव में लगभग 250 परिवार गुजर बसर करते है, इन चारो गांव में सड़क नही होने के कारण उन गांव के ग्रामीणों को लगभग 20 किलो मीटर सुर्दुर विहड़ रास्ता तय कर राष्ट्रिय उच्च पथ 33 पहुँचते है । चांडिल अनुमंडल के चौका थाना क्षेंत्र हेंसाकोचा पंचायत के गांव पूर्ण नक्सल प्रभावित क्षेत्र तानीसोया 7 पहाड़ी से घिरे हुए वहुल्य आदिवासी मुंडा समाज बुनियादी सुविधा से बंचित 250 से 300 परिवार गुजर वसर कर रहे है। अजादी से लेकर झारखण्ड अलग होने के 14 वर्ष वित जाने के बावजुद आजतक उन गांवो में चिकित्सा व शिक्षा एवं सरकारी सुबिधा सें आज भी वचित है। झारखण्ड सरकार ने नक्सल प्रभावित क्षेत्र में तरह तरह के योजना चलाते है लेकिन इन चारो गांव तक विकास योजना नही वंचित है ओर विकास से कोसों दुर है । चारो गांव के ग्रामीणों कई वर्षो से पंचायत सचिवालय से लेकर मुख्यमंत्री सचिवालय तक अपना गांव के अधार भुत सुविधा के संबध में लिखे और सरायकेला खरसवां के कार्यालय डीडीसी के समक्ष ज्ञापांक ग्रामीणों के द्वारा सौपा गया । पदाधिकारीयो द्वारा जांच के अश्वसान दिया गया था । एक वर्ष वितने के वाद भी कोई भी जनप्रतिनिध एवं सरकारी पदाधिकारी सुधी लेने गांव नही पहुँचे । सरकारी कार्यालयों से न्याय नही मिलने से आखिर में अन्त में थक हार कर चारो गांव के ग्रामीणों द्वारा आम सभा कर बोट वहिष्कार करने का निर्णय लिया । नक्सलीयों को सहयोग जैसे आरोपो से चारो गांव के नवयुवक व वृद्ध पुरूष एवं महिला भय के साथ जी रहे है ।
क्या कहता है प्रशासन
इस संबंध में चाण्डिल अनुमण्डल पदाधिकारी नन्द किशोर गुप्ता ने कहा की वोट बहिष्कार की जानकारी नही है ग्रामीणों से मिलकर अपील करेंगें की उनकी समस्या का निदान किया जाएगा चुंकि अचार सहिंता होने के करण ग्रामिणों को कोई अवश्सन नही दिया जा सकता है ।
गौरतलब है कि यह गांव ईचागढ विधानसभा में आता है और 9 दिसंबर को इस विधानसभा मे चुनाव होना हैं।