चार दिवसीय सम्मेलन में पूरे देश भर से 2000 प्रतिभागी लेंगे हिस्सा
भारतीय जनजातीय विरासत के ध्वजवाहक बिरसा मुंडा की जंयती के उपलक्ष्य में समारोह का आयोजन
संवाददाता.जमशेदपुर,13 नवंबर,
जमशेदपुर के गोपाल मैदान में टाटा स्टील के द्वारा जनजातीय लोगों के लिए चार दिवसीय सम्मेलन ‘‘संवाद’’ का आयोजन किया जा रहा हैं। प्रसिद्ध आदिवासी स्वतंत्रता सेनानी श्री बिरसा मुंडा की जंयती के उपलक्ष्य में टाटा स्टील की ट्राइबल कल्चरल सोसायटी द्वारा 15-18 नवंबर, 2014 तक अखिल भारतीय जनजातीय अधिवेशन का आयोजन किया जा रहा है।
इस अनोखे जनजातीय सम्मेलन का उद्देश्य देश भर के जनजातीय लोगों को एक साथ साझा मंच उपलब्ध कराना, एक ही जगह पर सामूहिक ज्ञान को एकत्रित कर विचारों के बहुमूल्य आदान-प्रदान को प्रोत्साहन देना, दस्तावेज बनाना और इस प्रकार लोगों के ज्ञान और दुनिया के नजरिए का संरक्षण करना है, जो विलुप्त होने के खतरे को दूर करता है। यह सम्मेलन जनजातीय समुदायों से जुड़े मुद्दों और विरोधाभास को समझने तथा गैर जनजातीय लोंगों को जागरुक करने पर केन्द्रित होगा, जिससे सहानुभूति और पूर्वाग्रहों को दूर करने की समझ पैदा होगी। पैनल चर्चाओं के माध्यम से सफल माॅडल्स, ऐसे समाधान जो किसी व्यक्ति या संगठन की सफलता की कहानी पर आधारित हो, पर प्रकाश डाला जाएगा, जिससे दूसरों को प्रेरणा दी जा सके साथ ही उनके अंदर उम्मीद एवं सकारात्मक सोच पैदा की जा सके।
इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए श्री सुनील भास्करन, वाइस प्रेसिडेंट, काॅर्पोरेट सर्विसेज, टाटा स्टील ने कहा कि ‘‘संवाद’’ – चार दिवसीय सम्मेलन जिसका लक्ष्य भारत में विभिन्न जनजातियों के हमारे मित्रों को विचारों, सुझावों और ज्ञान के आदान-प्रदान करने हेतु एक मंच प्रदान करना है, का आयोजन करना टाटा स्टील में हम सभी के लिए गौरव की बात है। चार दिवसीय कार्यक्रम में विभिन्न जनजातीय संस्कृति को एक ही छतरी के नीचे लाया जाएगा तथा इससे उनके बीच एक वृहद समुदाय का निर्माण करने में मदद मिलेगी। उन्होंने आगे कहा कि ‘‘चार दिवसीय सम्मेलन के दौरान कई प्रख्यात जनजातीय नेता पैनल चर्चा में भाग लेंगे, डाॅक्यूमेंट्री फिल्में दिखाई जाएंगी, भारतीय जनजातियों की समृद्ध विरासत को प्रदर्शित करने वाले हस्तशिल्प की प्रदर्शनी लगाई जाएंगी और सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति की जाएगी।’’
इस कार्यकर्म का उदघाटन टाटा स्टील के प्रबंध निदेशक टी वी नरेन्द्रन इंडिया के द्वारा 15 नवंबर,को संध्या 5 बजे किया जाएगा। उद्घाटन समारोह के बाद प्रतिभागियों के स्वागत के लिए झारखंड, छत्तीसगढ़, लद्दाख, केरल और असम से आए कलाकारों के समूहों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति की जाएगी।
कार्यक्रम की रूपरेखा: 16-18 नवंबर, 2014 के कार्यक्रम को चार वर्गों में बांटा गया हैः
पैनल चर्चा (सुबह 9ः30 बजे से दोपहर 1ः15 बजे तक): जनजातीय संस्कृति से संबंधित महत्वपूर्ण विषयों पर आमंत्रित पैनल के सदस्यों, जो अपने संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ हैं, के साथ गहन चर्चा जैसे खासतौर पर विलुप्त हो रहे जनजातीय समूहों, जनजातीय आजीविका, जनजातीय परिप्रेक्ष्य में विकास, जनजातीय औषधीय पद्धतियां, जनजाति और प्राकृतिक वास का संरक्षण, जनजातीय भाषाएं तथा लिपियां, और जनजातीय महिलाएं आदि।
डाॅक्यूमेंट्री स्क्रीनिंग: (दोपहर 3 बजे से शाम 5 बजे तक): राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त फिल्म निर्माताओं द्वारा जनजातीय संस्कृति, आजीविका, प्राकृतिक वास और जनजातियों के संघर्ष पर निर्मित डाॅक्यूमेंट्री दिखाई जाएगी।
सांस्कृतिक प्रस्तुति (शाम 6 बजे से रात 9ः30 बजे तक): झारखंड, छत्तीसगढ़, जम्मू और कश्मीर, आंध्र प्रदेश, केरल, असम, त्रिपुरा, ओडिशा, मध्य प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, मिजोरम, तमिलनाडु, मणिपुर, नागालैंड और महाराष्ट्र के सांस्कृतिक समूहों द्वारा पारंपरिक नृत्य एवं संगीत की प्रस्तुति।
हस्तशिल्प प्रदर्शनी (सुबह 10 बजे से रात 9ः30 बजे तक): देश भर के संगठनों, व्यक्तिगत एवं समूहों द्वारा हस्तशिल्प के स्टाॅल लगाए जाएंगे।
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