विस्थापितों ने निकाला यूसिल नरवा गेट तक विशाल मशाल जुलूस सोमवार से विस्थापितों द्वारा ठेका कार्य बंद करवा दिया जाएगा

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संतोष अग्रवाल,जमशेदपुर(जादुगोङा),17 अगस्त

पुर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार नौकरी और विभिन्न मांगो को लेकर यूसिल नरवा पहाड़ विस्थापित कमेटी द्वारा विशाल मशाल जुलूस निकाला गया जुलूस को अधिकार जुलूस नाम दिया गया था जुलूस मे सेकड़ों की संख्या मे विस्थापित महिला पुरुष एवं ग्रामीण मौजूद थे जुलूस बाबा तिलका चौक से नरवा माइंस गेट तक पहुंचा और वहाँ जाकर एक विशाल सभा मे बदल गया , विस्थापितों ने बताया की अगर उनकी मांगो को यूसिल नहीं मानता है तो सोमवार से ठेका कार्य को बंद कर दिया जाएगा और उसके बाद भी यूसिल प्रबंधन मांगो को नहीं मानता है तो 25/08/2014 से कंपनी के सभी कार्यो को बंद कर दिया जाएगा जिसकी ज़िम्मेदारी यूसिल प्रबंधन की होगी ।

क्या है मांगे —

वीआरएस दे चुके विस्थापित कर्मचारियो के 15 आश्रितों को अविलंब नौकरी दे , अवकाश प्राप्त कर चुके विस्थापित कर्मचारियो के आश्रितों को अविलंब यूसिल मे नौकरी दे , भूमि विस्थापितों के 100 आश्रितों को भूमि के मात्रा के अनुसार नौकरी दे न की आरसीआर के तहत , विस्थापित एवं प्रभावित शिक्षित बेरोजगार को नौकरी दे , विस्थापित एवं क्षेत्रीय विकाश गति को रफ्तार दे ताकि विकाश को विस्थापितों एवं प्रभावित अपनी जिंदा आंखो से देख सके ।

कौन कौन गाँव के लोग थे शामिल …….

हाड्तोपा , मुर्गाघुटु , कदमा , हितकु , पाथर चाकड़ी , दामुडीह , भुट्का , बाघमारा , लोयडीह , शंकरदा , माटकू , काशीदा , केडो , बोराडीह , डोमजुड़ी आदि गांवो के विस्थापित थे ।

विस्थापित कमेटी के अध्यक्ष सोमाय किसकू ने बताया की यूसिल प्रबंधन के साथ दर्जनो बार बैठके हुई जिसमे कई बैठके त्रिपक्षीय हुई थी और जितनी बैठके हुई सभी मे यूसिल प्रबंधन द्वारा यही बात दोहराया जाता है की मामला को सक्षम आधिकारियों के पास अग्रसारित कर दिया जाएगा लेकिन प्रबंधन ने लिखित रूप से कभी नहीं बताया की सक्षम अधिकारी ने मामला के संबंध मे क्या जवाब दिया है और इस प्रकार से यूसिल प्रबंधन द्वारा 2007 से लेकर मामला को टाला जा रहा है और वह समस्याओ का समाधान करना नहीं चाहती है ।

जुलूस एवं सभा मे मुख्य रूप से विधायक रामदास सोरेन , विधासागर दास , मांझी बाबा दामु डीह , मांझी बाबा चाटिकोचा , सुएष हांसदा , सुधीर सोरेन , अर्जुन सामद , सागर बेसरा , हाड्तोपा , माटकू , राजदोहा एवं हितकु पंचायत के मुखिया मौजूद थे ,

इस संबंध मे यूसिल के अधिकारी के माहली ने कहा की विस्थापितों द्वारा पीढ़ी दर पीढ़ी नौकरी की मांग की जा रही है जो संभव नहीं है और भारत का संविधान मे भी ऐसा प्रावधान नहीं है ।

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