जमशेदपुर -सीरियल क्राइम के मास्टरमाइंड पंकज दुबे और कबीर को आर्म्स एक्ट में 7 -7 वर्ष की कैद और 25-25 हजार फाइन आर्म्स एक्ट के एक अन्य धारा में 3 -3 वर्ष की कैद और 10-10 हजार फाइन,दोनों सजाएं साथ-साथ चलेंगी

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जमशेदपुर।
जिला एवं सत्र न्यायाधीश चतुर्थ राजेंद्र कुमार सिन्हा की अदालत में आर्म्स एक्ट के एक मामले में अपराधकर्मी पंकज दुबे पूर्व संतोष सिंह और एहतेशामउद्दीन पूर्व कबीर को अलग-अलग धाराओं में सजा सुनाई है. अदालत ने आर्म्स एक्ट के एक मामले में धारा 25(1-a)(1-b)a/26(2) के तहत पंकज दूबे और एहतेशाम उद्दीन को 7-7 वर्ष की कैद तथा 25 – 25 हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनाई है . जुर्माने की राशि नहीं देने पर एक 1-1 वर्ष की अतिरिक्त सजा भी दोनों को भुगतनी होगी. इसके अलावा अदालत ने आर्म्स एक्ट के एक अन्य धारा 25(1-a)26/35 में दोनों को तीन-तीन वर्ष की कैद तथा 10-10 हजार रुपये फाइन की सजा सुनाई है. फाइन नहीं देने पर 6-6 माह के अतिरिक्त सजा का भी प्रावधान किया गया है. उल्लेखनीय है कि वर्ष 2009-10 में शहर में सीरियल क्राइम के मास्टरमाइंड पंकज दुबे और एहतेशाम उद्दीन उर्फ कबीर को पुलिस की एक टीम ने बिष्टुपुर जी टाउन क्लब के सामने से गिरफ्तार किया था उसके पास से 9 एमएम की पिस्टल बरामद की गई थी पूछताछ में पंकज दुबे ने स्वीकार किया था कि उसने इसी पिस्तौल से डॉक्टर प्रभात कुमार और डॉक्टर सरकार को गोली मारी थी. पुलिस ने आर्म्स एक्ट का एक अलग से मामला दर्ज किया. मामले की सुनवाई कोर्ट में शुरू हुई कुल 10 लोगों की गवाही हुई गवाहों के बयान और अन्य साक्ष्यों के आधार पर अदालत ने दोनों को दोषी पाकर सजा सुनाई मामले में लोक अभियोजक सुशील कुमार जयसवाल ने सरकार की ओर से पैरवी की उल्लेखनीय है की लोक अभियोजक सुशील कुमार जयसवाल एक जाने-माने कानून विद भी है और उन्होंने अब तक सैकड़ों ऐसे अपराधियों को सलाखों के पीछे पहुंचाया है जिसने अपराध किया और कोर्ट में उसके खिलाफ प्रमाण उपस्थित किए गए . स्वयं श्री जयसवाल ने साक्ष्यों को विस्तार से और विधिवत कोर्ट के सामने प्रस्तुत कर सजा का रास्ता साफ किया.

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