जमशेदपुर -ड्रग इंस्पेक्टर पर झूठे मामले में फंसाने का आरोप

कानूनी नोटिस का जवाब नहीं मिला तो कोर्ट की शरण में जायेंगें अशोक और सुनील

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जमशेदपुर। जुगसलाई डिकोस्टा रोड में निर्धारित रेट से अधिक राशि में सैनेटाइजर बेचने के आरोप में मैसर्स श्री बालाजी ट्रेडर्स और मैसर्स श्री बालाजी ड्रग सर्जिकल के दोनों प्रोपराइटर क्रमशः अशोक कुमार अग्रवाल और सुनील कुमार अग्रवाल (दोनों सगे भाई) जेल से छूटने के बाद जमशेदपुर के तीन ड्रग इंस्पेक्टर क्रमशः कुंज बिहारी, राजीव एक्का और जया पर झूठे मामले में फंसा कर जेल भेजने का आरोप लगाते हुए अपने अधिवक्ता के माध्यम से कानूनी नोटिस भेजा हैं। 04 अप्रैल शनिवार से 22 जून सोमवार को 80 दिन के बाद जमानत पर जेल से छूटे अशोक और सुनील ने अपने अधिवक्ता ए के श्रीवास्तव, कोलकात्ता उच्च न्यायालय के माध्यम से 07 जुलाई मंगलवार को भेजे गये कानूनी नोटिस में कहा हैं कि सात दिनों के अंदर अगर लिखित जवाब नहीं मिलता हैं तो न्याय पाने के लिए तीनों ड्रग इंस्पेक्टर के खिलाफ कोर्ट की शरण में जायेंगें।
इस संबंध में अधिवक्ता ए के श्रीवास्तव द्धारा भेजे गये कानूनी नोटिस के अनुसार अशोक और सुनील पर लगे आरोप गलत होने के कई प्रमाण हैं। किसी भी उपभोक्ता ने दोनों अग्रवाल बुधंओं के खिलाफ कोई भी शिकायत किसी भी 100 मिलीलीटर की बिक्री के लिए नहीं की हैं। उनकी प्रतिष्ठा को धूमिल करने के लिए झूठे आरोप लगाए गये हैं। विभाग के दस्तावेजों से यह स्पष्ट है कि वे दोनों रिटेल सेलर (ख्ुादरा विक्रेता) नहीं हैं, बल्कि होल सेलर (थोक विक्रेता) हैं। विभाग द्धारा जब्ती सूची से यह स्पष्ट है कि विभाग द्वारा बिना किसी अधिकार के अवैध रूप से सैनेटाइजर जब्त कर ली गई है। विभाग द्वारा जब्त किए गए चालान की गड़बड़ी से स्पष्ट है कि अग्रवाल बंधुओं द्वारा बिक्री पर कोई भी प्रभाव खुदरा बिक्री के लिए नहीं है, बल्कि उन सभी चालान संस्थागत बिक्री के खिलाफ जारी किए गए हैं।
इसके साथ ही न तो एफआईआर और न ही चार्ज-शीट में ऐसी बिक्री का उल्लेख किया गया जो सार्वजनिक हित या सरकार के खिलाफ कोई धोखाधड़ी थी। इसलिए, यह स्पष्ट है कि तीनों ड्रग इंस्पेक्टर और उनकी टीम ने अग्रवाल बंधुओं की दुकानों पर छापा मारा और सरासर प्रतिशोध के कारण सामग्री को जब्त कर लिया और उनके खिलाफ झूठा एफआईआर दर्ज करने से उत्पन्न प्रतिष्ठा की गंभीर हानि के साथ उनको काफी आर्थिक नुकसान पहुंचाया हैं।
इसके अलावा, जैसा कि आदेश पत्र के एक खंडन से स्पष्ट है कि अग्रवाल बंधुओं को 10.06.2020 को अदालत में अपनी शारीरिक उपस्थिति से वंचित करने के लिए घाघीडीह जेल से घाटशिला जेल स्थानांतरित करने में एक साजिश रचा गया था। अधिवक्ता ने अपने कानूनी नोटिस में इन सब बातों को लेकर तीनों ड्रग इंस्पेक्टर से पूछा हैं कि क्यों नहीं गैर कानूनी कार्यो के लिए आपके खिलाफ आपराधिक कार्यवाही हेतु कोर्ट की शरण में जाया जाए।
इस पुरे मामले में अपने उपर लगे आरोप को पूरी तरह गलत बताते हुए अशोक और सुनील का कहना हैं कि कोर्ट पर उन्हें पूरा भरोसा हैं कि न्याय मिलेगा। मालूम हो कि औषधि निरीक्षक कुंज बिहारी के बयान पर दोनों के खिलाफ जुगसलाई थाना में में ज्यादा दाम पर सैनेटाइजर बेचा जाने का मामला 03 अप्रैल शुक्रवार को दर्ज कराया गया था। उस वक्त काफी मात्रा में माल भी जब्त किया गया था।

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