जमशेदपुर -शहीद गणेश हासंदा के माँ पिता से मिलते ही फ़फ़क कर रोयें पूर्व विधायक कुणाल षाड़ंगी, कहा, हिम्मत नहीं कि शहीद दोस्त के पार्थिव शरीर को देख सकूँ
बाँसदा चौक और बाँसदा-पाथरा सड़क का नाम शहीद गणेश के नाम पर हो ताकि युवा और अगली पीढ़ियां प्रेरित होती रहे : कुणाल
जमशेदपुऱ।
बहरागोड़ा के पूर्व विधायक और युवा भाजपा नेता कुणाल षाड़ंगी ने गुरुवार अहले सुबह शहीद गणेश हासंदा के घर पहुँचें और उनके माँ पिता और परिजनों से मिलकर दुःख साझा किया। इस दौरान शहीद की तस्वीर पर श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए कुणाल षाड़ंगी फफक कर रो पड़ें। उन्होंने परिवारजनों से अपने और गणेश की मित्रता और आत्मीयता से जुड़े किस्से सुनाएं और भावुक हो गयें। पूर्व विधायक ने एक किस्सा बताया कि जब गणेश छात्र थें तो अक्सर भारतीय सेना में जाकर देश सेवा करने की इच्छा ज़ाहिर करते थें। कुणाल षाड़ंगी ने कहा कि उनमें हिम्मत नहीं है कि वे अपने मित्र और छोटे भाई के पार्थिव शरीर का दर्शन कर सकें। कहा कि वे शहीद गणेश से जुड़ी खुशनुमा यादें और मुस्कुराते चेहरे को ही हमेशा याद रखना चाहतें है। उन्होंने लगभग दो घन्टें से ज्यादा समय शहीद के परिवार संग बिताया और हिम्मत बढ़ाया। पूर्व विधायक ने कहा कि उन्हें अपने छोटे भाई तुल्य मित्र की शहादत पर गर्व है। उन्होंने सरकार से माँग किया कि गलवान घाटी के भारत-चीन गतिरोध में अप्रतिम शौर्य दिखाने वाले शहीद गणेश हासंदा की वीरता और पराक्रम सर्वदा आने वाली पीढ़ी और युवाओं को प्रेरित करती रहेंगी। उन्होंने कहा कि शहादत के आगे तमाम सरकारी अनुदान और मुआवजा फ़ीका है। पूर्व विधायक कुणाल षाड़ंगी ने राज्य सरकार से आग्रह किया कि शहीद के सम्मान में नेशनल हाईवे स्थित बाँसदा चौक और बाँसदा-पाथरा सड़क का नाम परिवर्तन किया जाए और वीर शहीद गणेश हांसदा का नाम अंकित किया जाये।
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