जमशेदपुर -सरकारी कार्य में बाधा और लॉकडाउन उल्लंघन मामले में कल टेल्को थाना में लिखित पक्ष रखेंगे नीतू , अप्पु, हर्षवर्धन, अंकित और अन्य
जमशेदपुर।
टाटा मोटर्स गेट पर बीते नौ जून को बाईसिक्स कर्मी आलोक रंजन की विधवा नीतू सिंह के समर्थन में किन्नरों द्वारा प्रदर्शन मामले में टेल्को थाना में सरकारी कार्य मे बाधा डालने और लॉकडाउन उल्लंघन का मामला दर्ज़ है। टेल्को थाना कांड संख्या 107/2020 में विधवा नीतू सिंह के अलावे आजसू प्रवक्ता अप्पु तिवारी, भाजपा जिला प्रवक्ता अंकित आनंद, टेल्को यूनियन नेता हर्षवर्धन सिंह सहित अन्य को नामज़द अभियुक्त बनाया गया है। शुक्रवार को परि० पुलिस अवर निरीक्षक रुमिला एक्का ने मामले में अभियुक्त नीतू सिंह और भाजपा, आजसू और मज़दूर नेताओं को दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 41A का नोटिस सुपुर्द किया था। नोटिस में सोमवार 15 जून को सुबह दस बजे टेल्को थाना आकर जाँच में सहयोग करने का निर्देश था। इस मामले में नोटिस प्राप्त नेता सोमवार को टेल्को थाना जाकर जाँच अधिकारी को अपना लिखित पक्ष समर्पित करेंगे। सभी ने अपने अधिवक्ताओं से विमर्श के बाद लिखित पक्ष तैयार कर लिया है जिसमें एकराय है कि टाटा मोटर्स प्रबंधन के इशारों पर टेल्को थाना प्रभारी नीतू सिंह को न्याय से वंचित रखने और दुर्भावना से प्रेरित होकर षड्यंत्र के तहत संज्ञेय मामलों में फंसा रहे हैं।
इस मामले में भाजपा जिला प्रवक्ता अंकित आनंद ने कहा कि टेल्को थाना प्रभारी पुरानी रंजिश निकालकर बदला साधना चाहते हैं। उनपर स्वेच्छाचारिता, कर्तव्यहीनता के कई मामलों में जाँच लंबित है। विभागीय कार्रवाई के भय से कंपनी प्रबंधन से जुड़े अफसरों संग मिलकर झूठे मामलों में फँसाया जा रहा है। बताया कि नोटिस का सम्मान करते हुए सोमवार को जाँच अधिकारी के समक्ष हाज़िर होंगे और लिखित पक्ष समर्पित करेंगे। कहा कि वे इस मामले में जमानत नहीं लेंगे बल्कि झूठे केस के विरुद्ध सत्याग्रह करेंगे। भाजपा जिला प्रवक्ता अंकित आनंद ने अपने बयान में बताया कि मामले में सिटी एसपी सुभाषचंद्र जाट और सीनियर एसपी एम. तमिल वाणन के अलावे किसी भी पुलिस अधिकारी से निष्पक्ष जाँच की उम्मीद नहीं है। कंपनी के क़वार्टर, वाहन, पेट्रोल, डीजल, अन्य सुख सुविधाओं और संसाधनों का भोग करने वाले टेल्को पुलिस अफसर कंपनी के विरुद्ध एक्शन लेंगे इसकी संभावना बेहद कम है। कहा कि केस अनुसंधान अधिकारी द्वारा उचित आश्वासन नहीं मिलने पर वे एसएसपी कार्यालय में स्वतः गिरफ्तारी देकर झूठे मामले के विरुद्ध सत्याग्रह करेंगे लेकिन जमानत नहीं लेंगे।
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