संवाददाता.जमशेदपुर,10 मई
कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी ) ने अनुसिच जनजाति एवं दुसरे परंपरागत वन निवासी (वन पर अधिकारी मान्यता ) अधिनियम के 2006 के बावजूद वन विभाग द्वारा जंगल निवासियों को आबाद जमीन से हटाने के प्रयास एंव उनपर हुए दर्ज मुकदमा को हटाने को लेकर उपायुक्त डॉ अमिताभ कौशल को एक ज्ञापन सौपा है। ज्ञापन के माध्यम से कहा गया है कि इस अधिनियम को मूल भावना आदिवासी एंव दुसरे परंपरागत वन निवासियो को जंगल के जमीन एवं जंगल के लघु उपज मे अधिकार दिया जाना है किंन्तु इस भावना के विपरीत केन्द्र सरकार के आदेश के तहत बङी संख्या मे आदिवासी एवं दुसरे परंपरागत वन निवासियो को जंगल क्षेत्रो से हटाने और उन पर मुकदमा दर्ज करने का काम वन विभाग द्वारा किया जा रहा है .इस संबघ मे घाटशिला प्रखण्ड के हीरागंज ग्राम के केन्द्रगंगा टोला का भी घटना का जिक्र किया गया है । ज्ञापन के माध्यम से कहा गया है कि 30 अप्रैल को दोपहर के लगभग 12 बजे स्थानिय फोरेस्टर आर के झा और थाना प्रभारी अनुप प्रसाद के द्वारा हीरागंज के केंदुगंगा गाँव 30 रायफल धारी पुलिस के साथ पहुँचे और वहां के ग्रामीणो को छोङने को कहा गया .इस घटना के बाद वहाँ के ग्रामीण काफी भयभीत है।
कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी ) ने जिला प्रशासन से मांग की है कि इस मामले में उपायुक्त खुद हस्तक्षेप करे ताकि यहां के लोगो को न्याय मिल सके .क्योकि जिस स्थान पर जमीन है वह पुरी तरह से उग्रवाद प्रभावित ईलाका है और इस स्थिती में ग्रमीणो और वनविभाग की पुलिस के बीच दुरी बढेगी जिसका लाभ उग्रवादी उठायेगें।
कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी ) ने इस मामले की उच्च स्तरीय जाँच की मांग की है पुर्व की स्थिती को बरकारर रखा जाए और जब तक वन अधिनियम और नियमावली के तहत उनके अधिकारो की संम्पुष्टि करते हुए उन्हे वन पट्टा न मिल जाए।
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