
जमशेदपुर।
टाटा स्टील के सीईओ और प्रबंध निदेशक टीवी नरेंद्रन ने मंगलवार को स्पष्ट किया कि ईरान-इजराइल संघर्ष का कंपनी पर फिलहाल बड़ा असर नहीं पड़ेगा, बशर्ते यह संघर्ष लंबा न खिंचे। उन्होंने कहा कि टाटा स्टील की 95 फीसदी बिक्री घरेलू स्तर पर भारतीय मुद्रा में होती है, इसलिए वर्तमान में कंपनी की स्थिति स्थिर बनी हुई है।
टीवी नरेंद्रन सिंहभूम चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (एससीसीआई) के प्लेटिनम जुबली समारोह में “पूर्वी भारत अवसरों का बहुरूपदर्शक–जमशेदपुर केंद्र बिंदु” विषय पर बोल रहे थे। कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि हालांकि टाटा स्टील एक वैश्विक कंपनी है और ऐसे वैश्विक संघर्षों का अप्रत्यक्ष प्रभाव कंपनी की अंतरराष्ट्रीय गतिविधियों पर पड़ सकता है।
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उन्होंने संघर्षविराम का स्वागत करते हुए कहा कि यह कदम न केवल कंपनी बल्कि पूरी दुनिया के लिए सकारात्मक है। नरेंद्रन ने चिंता जताई कि अगर यह संघर्ष लंबा चला तो इससे तेल की कीमतें बढ़ेंगी, जिससे शिपिंग, बीमा और लॉजिस्टिक्स लागत में वृद्धि होगी। साथ ही, टाटा स्टील की आपूर्ति श्रृंखला भी प्रभावित हो सकती है क्योंकि कंपनी मध्य पूर्व से चूना पत्थर खरीदती है और वहां स्टील निर्यात भी करती है।
वैश्विक व्यापार की चुनौतियों पर बोलते हुए उन्होंने बताया कि अमेरिका और यूरोपीय देशों में टैरिफ और व्यापार शुल्क की बढ़ोतरी भी एक अहम समस्या है। टाटा स्टील का निर्यात इन क्षेत्रों में होता है, जिससे वहां के ग्राहकों की लागत बढ़ सकती है।
देश की आर्थिक वृद्धि पर बात करते हुए नरेंद्रन ने भारत की अनुमानित 6.5% जीडीपी वृद्धि को दुनिया की अन्य अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में बेहतर बताया। उन्होंने कहा, “भारत सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है, लेकिन हमें इसे बनाए रखने के लिए निरंतर सुधार करना होगा।”
इस मौके पर नरेंद्रन ने टाटा स्टील प्लांट में हुई दुर्घटनाओं पर भी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं और ठेके पर काम कर रहे वेंडरों को भी सख्त दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। उन्होंने सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता बताते हुए कहा कि कंपनी इस दिशा में गंभीरता से काम कर रही है।