पहले मैनुअल होता था रेलवे रिजर्वेशन
आपको बता दे कि इससे पहले मैनुअल आरक्षण हुआ करता था, जो लगभग काफी पुराना था। पहले लोगो को इसके लिए लोगों को पहले एक फॉर्म भरना होता था। अगर किसी एक तारीख पर आरक्षण न मिल रहा हो तो अगली ताऱीख को देनी पड़ती थी। इसके बाद भरा हुआ फॉर्म लेकर कतार में लगना होता था, जो खासी लंबी हुआ करती। इस कारण लोगो को यात्रा के लिए काफी पहले से प्लान करते थे।
इसके बाद भी प्रक्रिय भी आसान नहीं थी। काउंटर पर टिकट बुकिंग क्लर्क हुआ करते, जो रजिस्टर देखकर ट्रेन में सीट की उपलब्धता बताते. यानी फॉर्म भर लंबी कतार पार करने के बाद ये भी हो सकता था कि टिकट आसपास के दिनों में उपलब्ध ही न हो। तब नए सिरे से सारी तैयारिया करनी पड़ती।यही नहीं रेलवे ने अलग अलग स्टेशनों के लिए अलग- अलग बर्थ कोटा उपलब्ध कराया था। इसकारण लोगो को टिकट मिलनें में काफी परेशानी होती थी।