मैंने अपनी गलतियों से बहुत कुछ सीखा है.——– मृणाल ठाकुर

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अभिनेत्री मृणाल ठाकुर इन दिनों बॉलीवुड में एक चर्चित शख्सियत के रूप में उभर कर सामने आई हैं।
हालिया रिलीज़ फिल्म ‘तूफान’ में अनन्या के रूप में मृणाल ने काफी उत्कृष्ट अभिनय के किया है। यह फिल्म उनके फिल्मी कैरियर के टर्निंग प्वाइंट साबित हुई है। इस फिल्म में मृणाल ने डॉ अनन्या प्रभु की भूमिका निभाई है, जो फरहान अख़्तर की अज्जू उर्फ ​​​​अज़ीज़ अली के कैरेक्टर को एक बेहतर इंसान बनने के लिए प्रेरित करती है, ताकि वह एक गुंडे का जीवन छोड़ दे और एक बॉक्सर बन जाए। फिल्म की रिलीज से पहले, कई लोगों ने फिल्म में अलग अलग धर्म के दो प्रमुख पात्रों के बीच संबंधों के कारण फिल्म के बहिष्कार का आह्वान किया और इसे लव जिहाद की अवधारणा की वकालत करने वाला माना था। परंतु रिलीज के बाद आलोचकों ने भी इस फिल्म की काफी सराहना की। स्वयं मृणाल अपनी फिल्म ‘तूफान’ के बारे में कहती हैं “यह एक बहुत ही वास्तविक प्रेम कहानी है। पटकथा इतनी शक्तिशाली थी कि जब मैंने इसे पढ़ा तो मेरा दिल धड़क रहा था ! और यह सिर्फ बॉक्सिंग बैकग्राउंड के बारे में नहीं था। अनन्या और अजीज के बीच गजब की केमिस्ट्री थी। यह केवल प्यार के बारे में नहीं था, बल्कि ईमानदारी की वफादारी के बारे में था और एक इंसान ये गुण कैसे आ सकता है वो फिल्म में दिखाया गया है”।
फ़िलवक्त मृणाल ठाकुर भारतीय फिल्म इंडस्ट्री के उन कुछ अभिनेत्रियों में से एक हैं, जो अब तक विभिन्न माध्यमों में अपनी शक्तिशाली भूमिकाओं की वज़ह न केवल आलोचकों के प्रिय बन चुकी हैं, बल्कि सिनेदर्शकों के दिलोदिमाग में अपनी एक विशिष्ट छवि कायम की हैं। ‘तूफान’ के पूर्व ऋतिक रोशन के साथ मृणाल ‘सुपर 30’ में नज़र आई थी। धारावाहिक ‘कुमकुम भाग्य’ और फिल्म ‘लव सोनिया’ से चर्चा में आने वाली मॉडल और अभिनेत्री मृणाल ठाकुर अब फरहान अख्तर की फिल्म ‘तूफान’ के बाद 1971 के भारत पाकिस्तान युद्ध के क्रम में बांग्लादेश में हुए नरसंहार पर केंद्रित फिल्म ‘पिप्पा’ में ईशान खट्टर और प्रियांशु पेन्थुली के साथ नज़र आएंगी। फिल्मों के चयन के मामले में अब मृणाल काफी गंभीर हो गई हैं और काफी सोच समझ कर फिल्मों को साइन करती हैं। अचानक इस तरह के आये बदलाव के बारे में पूछे जाने पर वो कहती हैं ” परिवर्तन संसार का नियम है…मेरे विचारों में थोड़ा बदलाव आया है और ये बहुत जरूरी भी था क्योंकि मैंने अपनी गलतियों से बहुत कुछ सीखा है….वो मैं दोहराना नहीं चाहती हूँ। दिल में उतर जाने वाली भूमिकाओं को मैं पसंद करती हूँ”।
प्रस्तुति : काली दास पाण्डेय

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