गिरिडीह – बेंगाबाद मेंभारी मात्रा में विस्फोटक पदार्थ बरामद

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गिरिडीह।
बेंगाबाद थाना से 12 किमी दूर मंडरडीह गांव में पत्थर खदान के समीप जमीन के पांच फीट भीतर से गिरिडीह प्रशासन और पुलिस ने बड़े पैमाने पर विष्फोटक पद्धार्थ में जिलेटिन और डेटोनेटर बरामद किया है। सदर एसडीएम राजेश प्रजापति के अनुसार जमीन के भीतर से एक हजार डेटोनेटर के साथ 2200 सौ पीस जिलेटिन बरामद किया गया। बरामद विष्फोटक का स्टाॅक खदान के समीप एक खाली प्लाॅट एक ही स्थान पर गाडा गया था। वैसे छह पीस विष्फोटक खदान के भीतर से बरामद किया गया। मंडरडीह गांव में पत्थर खदान के समीप बड़े पैमाने पर विष्फोटक मिलने के बाद एसडीएम के निर्देश पर खदान संचालक के खिलाफ केस दर्ज किए जाने की प्रकिया बेंगाबाद थाना पुलिस ने शुरु कर दिया है। एसडीएम प्रजापति ने बताया कि जिस संख्या में विष्फोटक पद्धार्थ मिला है। उसके अनुसार प्रशासन केस दर्ज करने की कार्रवाई में जुटी हुई है। मंडरडीह का यह पत्थर खदान शहर के किसी तरणजीत सिंह के नाम से लीज पर है। जिसकी वैद्यता साल 2023 तक है। इसकी पुष्टि खुद डीएमओ सूजीत नायक ने करते हुए बताया कि विष्फोटक बरामद होने के बाद पत्थर खदान मालिक के खिलाफ बेंगाबाद थाना में केस दर्ज किया जा रहा है।
जिस संख्या में मंडरडीह पत्थर खदान के समीप जमीन से अधिकारियों ने विष्फोटक बरामद किया। वह इतना है कि किसी छोटे शहर को उड़ाया जा सकता था। लिहाजा, इतने पैमाने पर विष्फोटक बरामद होने के बाद गिरिडीह प्रशासन व पुलिस के भी होश उड़ गए, कि खदान संचालक तरणजीत सिंह ने कब और कैसे खदान के समीप जमीन में इतने विष्फोटक को गाड़ा था। वैसे खदान में भी छह की संख्या में विष्फोटक मिलने की बात कही जा रही है। खदान संचालक ने इतना विष्फोटक सिर्फ अपने खदान में विष्फोट करने के लिए स्टाॅक कर रखा था, या फिर खदान विष्फोट के नाम पर किसी और अवैध कारोबार में इस्तेमाल के लिए स्टाॅक रखा था? पुलिस इसकी जांच में जुटी हुई है। वैसे विष्फोटक को सुरक्षित तलाशने के लिए ही अधिकारियों ने मैटल डिटेक्टर के साथ खोजी कुत्तों का सहारा लिया। छापेमारी के बीच ही खदान से एक पोकलेन, एक ट्रैक्टर के साथ एक जेसीबी को भी जब्त किया है। विष्फोटक बरामद करने की प्रकिया में अधिकारियों की टीम सारा दिन मंडरडीह गांव में ही जुटी रही। जमीन के भीतर गडे हुए विष्फोटक को बरामद करने के लिए ही एसपी सुरेन्द्र झा के निर्देश पर एसडीएम और डीएमओ के साथ एएसपी दीपक कुमार, सीआरपीएफ 7वीं बटालियन के द्वितीय कमांडेट तिलकराज अपने बम निरोधक दस्ता और खोजी कुत्ते के साथ खदान के समीप खाली पड़े प्लाॅट को तलाशना शुरु किया।
खदान के समीप जिस खाली प्लाॅट के भीतर से विष्फोटक बरामद किया गया है। वहां उसी खदान के लिए मजदूरों का अस्थायी कमरा भी बना हुआ था। जिसमें मजदूर रह रहे थे। दरअसल, बीतें शनिवार दोपहर को ही प्रशासनिक अधिकारियों को गुप्त सूचना मिली। इसके बाद एसडीएम और एसडीपीओ जीतवाहन उरांव के नेत्तृव में शनिवार दोपहर से मंडरडीह गांव स्थित खदान के समीप प्लाॅट की तलाशी शुरु हुई। शुरुआती तलाशी के दौरान ही प्लाॅट से विष्फोटक मिलने के बाद विष्फोटक को बरामद करने की प्रकिया शुरु हुई। लेकिन शनिवार को माओवादियों का नक्सली सप्ताह शुरु होने के कारण सुरक्षा बल के जवानों को गश्ती में लगाया गया था। लिहाजा, शनिवार को मंडरडीह गांव के खदान व उसके समीप प्लाॅट को सुरक्षा बल के हवाले कर दिया गया। शनिवार को शुरु हुई कार्रवाई के दौरान ही खदान के सभी मजदूर फरार हो गए थे, लिहाजा, अभी तक साफ नहीं हो पाया कि खदान संचालक ने विष्फोटक पद्धार्थो के जखीरे को कब रखा था? पुलिस जांच में जुटी हुई है।
जबकि दुसरे दिन रविवार को दुबारा तलाशी अभियान शुरु किया गया। जिसमें प्रशासनिक अधिकारियों के साथ पुलिस, सीआरपीएफ व खोजी कुत्तों का सहारा लिया गया। इसके बाद विष्फोटक पद्धार्थो का जखीरा मिलना शुरु हुआ

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