DHANBAD -रेशामंडी द्वारा यूएस $30 मिलियन के भारत के सबसे बडे ‘सीरीज़ ए फंडिंग’ के दौर की घोषणा –

क्रियेटीव इन्‍वेंस्‍टमेंट के नेतृत्‍व में कार्य करता है बी2बी स्टार्ट-अप

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रेशामंडी द्वारा यूएस $30 मिलियन के भारत के सबसे बडे ‘सीरीज़ ए फंडिंग’ के दौर की घोषणा
– क्रियेटीव इन्‍वेंस्‍टमेंट के नेतृत्‍व में कार्य करता है बी2बी स्टार्ट-अप

 

धनबाद: भारत में रेशम किसानों, व्यवसायों और खुदरा विक्रेताओं के लिए बी2बी बाज़ार के रूप में कार्य करता रेशामंडी, भारत का पहला रेशम-तकनीक स्टार्टअप है, जिसने वैश्विक वैकल्पिक निवेश प्रबंधक क्रिएशन इन्‍वेस्‍टमेंट तथा अन्‍य निवेशकों के नेतृत्व में यूएस $30 मिलियन के ‘सीरीज़ ए फंडिंग’ के दौर की घोषणा की है । इस दौर में इक्विटी और कुछ ऋण का मिश्रण है । इक्विटी फंडिंग में 9 यूनिकॉर्न, वेंचर कैटैलिस्‍ट, नेक्सस से संदीप सिंघल, इंडियामार्ट के संस्थापक बृजेश अग्रवाल और ओमनिवोर जैसे नए निवेशक शामिल हैं, जिन्होंने रेशामंडी के बीज दौर का भी नेतृत्व किया। नॉर्दर्न आर्क, अल्टेरिया, इनोवेन और स्ट्राइड वेंचर्स ऋण निवेशकों में शामिल हैं।

मई 2020 में स्थापित रेशामंडी, खेत से लेकर फैशन तक एक फूल-स्टैक डिजिटल इकोसिस्‍टम प्रदान करती है। कंपनी की स्थापना निफ्ट के स्वर्ण पदक विजेता मयंक तिवारी, पूर्व सिस्को सिस्टम्स टेक्नोलॉजिस्ट और उद्यमी सौरभ अग्रवाल और आईआईटी दिल्ली के सीरियल टेक्नोलॉजी उद्यमी उत्कर्ष अपूर्व ने की थी। रेशामंडी वर्तमान में भारत में सबसे तेजी से बढ़ रहे बी2बी स्टार्ट-अप में से एक है, जिसके संचालन के पहलेही वर्ष में राजस्व में 30 गुना की वृद्धि देखी जा रही है।

रेशामंडी ने अपने संचालन के पहले 15 महीनों में, किसानों, एसएमई निर्माताओं और खुदरा विक्रेताओं में फैले 35,000 से अधिक छोटे व्यवसायों को अपनी आपूर्ति श्रृंखला में शामिल किया है, जिन्‍होनें 1.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक के बाजार को प्रभावित किया है। इसकी प्रक्रियाओं ने लघु व्यवसाय आय को 35-55% तक बढ़ाने और स्वदेशी कच्चे रेशम के उपयोग को नाटकीय रूप से बढ़ाने में मदद की है।

रेशामंडी के सीईओ मयंक तिवारी ने इस फंडिंग राउंड को ऐतिहासिक और नवाचार के लिए एक मिसाल बताया है, जो ‘आत्मनिर्भर भारत’ या एक आत्मनिर्भर राष्ट्र की ओर बढ रहा है । मयंक ने कहा, “रेशामंडी संबंधो पर बनी है और हम क्रिएशन और अन्यों के साथ जो नई साझेदारी कर रहे हैं, उससे हम उत्साहित हैं।” “वित्त पोषण का यह दौर हमें नए क्षेत्रों में विस्तार करने और हमारे अनुसंधान एवं विकास कार्य को संचालित करने की अनुमति देगा, जबकि आगे के हितधारकों को हमारे नवाचारों और दक्षताओं का लाभ उठाने में मदद करेगा। व्यक्तिगत तौर पर, मैं अपने प्रत्येक ग्राहक, आपूर्तिकर्ताओं, निवेशकों और निश्चित रूप से लगातार बढ़ती रेशामंडी की टीम को धन्यवाद देना चाहता हूं।

रेशामंडी के सह-संस्थापक और सीबीओ उत्कर्ष अपूर्व ने कहा, “इस दौर के कुछ ही समय बाद, भारत के टियर- II शहरों में साड़ियों और अन्य फैशन वियर की एक पूरी नई रेंज उपलब्ध होगी।” “हमारी आपूर्ति श्रृंखला यह सुनिश्चित करती है कि रेशम सस्ती हो, और देश भर में मध्यम वर्ग के परिवारों के लिए, डिज़ाइन रेंज और मूल्य बिंदु के साथ, जो पहले कभी उन्‍होने नहीं देखे होंगे, उपलब्ध हो । इससे टियर- II के लोगों के रेशमी परिधानों की खरीदारी का तरीका बदल जाएगा।

रेशामंडी भारत भर के सभी प्रमुख रेशम उत्पादक राज्यों में अपने कृषि व्यवसाय का विस्तार करने की योजना बना रही है, साथ ही बनारस, सलेम, कांचीपुरम, महेश्वर और धर्मावरम जैसे बुनाई समूहों में एक नेता के रूप में खुद को स्थापित कर रही है। कंपनी का लक्ष्य अगले तीन से छह महीनों में आगरा, कोटा, गोरखपुर, धनबाद, रांची, भोपाल, इंदौर, जबलपुर, राजकोट, वडोदरा, सूरत, पुणे, नागपुर, सातारा, विशाखापट्टनम, विजयवाड़ा, मदुरै, कोयंबतूर, कोच्चि और कन्नूर में खुदरें व्‍यापार में अपने पैर जमाने का है ।

रेशामंडी के मुख्य तकनीकि अधिकारी सौरभ अग्रवाल ने कहा, “तकनीक हमारे लिए मुख्य आधार बनी है। इस दौर के साथ, हम वित्तीय समाधानों के साथ योगदानकर्ताओं को सक्षम कर सकते हैं, जो वैज्ञानिक सलाह और सुधारों के माध्यम से उनके उत्पादन को बढ़ावा देंगे, एक लोकतांत्रिक बाजार तक पहुंचा देंगे, और उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों को बनाने की क्षमता प्रदान करेंगे और अंतरराष्ट्रीय मान्यता के लिए मंच तैयार करेंगे, जिसकी भारतीय रेशम लंबे समय से प्रतिक्षा कर रहा है।”

क्रिएशन इन्वेस्टमेंट्स के पार्टनर टायलर डे कहते हैं, ”हम रेशामंडी के लिए इस फंडिंग राउंड का नेतृत्व करने के कारण से खुश हैं। भारत दुनिया के 30% रेशम का उत्पादन करता है और अभी भी मांग को पूरा करने के लिए प्रयास कर रहा है। रेशामंडी जैसी कंपनियां पूरी रेशम आपूर्ति श्रृंखला को और अधिक कुशलता से चला सकती हैं। अंततः, इससे किसानों और बुनकरों से लेकर कपड़ा निर्माताओं और खरीदारों तक – पूरे इकोसिस्‍टम को इसका लाभ हो सकता है।”

रेशामंडी की स्वामित्व वाली एआई और आईओटी तकनीक रेशम उद्योग को कारगर बनाने के लिए किसानों के साथ मिलकर काम करते हुए भारत में महीन कपड़े के मुद्दों का पारदर्शी और सस्ता समाधान ला रही है और रेशामंडी ऐप जो विशेष रूप से किसानों की उत्पादकता के लिए बनाया गया है, उसका उपयोग करेगी। रेशामंडी पूंजी के इस नए दौर के साथ इस आपूर्ति श्रृंखला में अपनी स्थिति को और मजबूत करने की इच्छा रखती है, अंततः एक जिरो-वेस्‍ट सर्कुलर अर्थव्यवस्था का निर्माण करती है, जिसका रेशम आपूर्ति श्रृंखला के सभी हितधारकों के उपर सामाजिक, पर्यावरणीय और आर्थिक प्रभाव पडेगा ।

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