जमशेदपुर।आज की समस्या और भविष्य की आवश्यकता को देखते हुए हमें आगे की योजना करनी चाहिये। इलेक्ट्रिक कार आज की आवश्यकता है। जिसके लिए हम लिथियम आयन बैटरी का उपयोग कर रहे हैं। लिथियम हमारे देश में नहीं के बराबर है। इसके लिए हमें दूसरे पर निर्भर रहना पड़ेगा। हमें एल्यूमीनियम आयन बैटरी के बारे में सोचना चाहिए। प्रयोग के तौर पर यह इलेक्ट्रिक कार में सफल हुआ है। इन स्मार्ट सिस्टम एल्यूमीनियम आयन बैटरी बनाने के दिशा में भी कदम बढ़ाने का प्रयास कर रही है।
उन्होंने प्रतिभागियों को प्रेरित किया कि नई सोच और नई खोज के साथ अपना स्टार्ट अप करना चाहिए। पहले कठिन परिश्रम कर अनुभव प्राप्त करना चाहिए।
उक्त बातें आज इनस्मार्ट कंपनी, हैदराबाद के सहयोग से एनआईटी जमशेदपुर में चलने वाले खनिज प्रसंस्करण कार्यशाला के छठवें दिन समापन के अवसर पर कार्यक्रम के विशेष अतिथि इनस्मार्ट कंपनी के प्रबंध निदेशक आर के विसेन ने कही। उन्होंने अपने बारे में बताते हुए कहा कि कैसे वह नौकरी करने के बाद, 1993 में इस कंपनी की स्थापना की और आज यह कंपनी विश्व स्तर की कंपनी बन गई है। उन्होंने एनआईटी को एवं आसपास के कंपनियों को इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए धन्यवाद दिया।
मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए टाटा स्टील के गुणवत्ता प्रमुख डॉक्टर अनूप कुमार ने इस प्रकार के आयोजन के लिए (जिसमें विद्यार्थी, शोधकर्ता, वैज्ञानिक, अभियंता एवं उत्पादन करने वाले सभी को एक मंच पर आकर विचार विमर्श करने का अवसर मिला) एनआईटी जमशेदपुर एवं इनस्मार्ट सिस्टम का प्रशंसा किया। उन्होंने शोध के आधार पर विश्व स्तरीय मशीन बनाने के लिए इनस्मार्ट सिस्टम की भी प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि वह हमेशा स्थानीय कंपनी के उत्पादों एवं उत्पादकों को प्राथमिकता देते हैं। इनस्मार्ट कंपनी विश्व स्तर की मशीनें बना रही है जो भारतीय परिस्थिति के बिल्कुल अनुकूल है, को भी आगे बढ़ाने में सहायता करने का आश्वासन दिया। उन्होंने अपनी आवश्यकता बताई कि वर्तमान समय में कैसे प्रोसेस कंट्रोल टेकनिक को विकसित करने की आवश्यकता है।
विशेष अतिथि के रूप में आए चाईबासा के खनन पदाधिकारी संजीव कुमार प्रदर्शनी को देखकर काफी प्रभावित हुए। यह बात उन्हें बहुत अच्छी लगी कि यहां सैद्धांतिक एवं प्रायोगिक रूप से प्रतिभागी सीख रहे है । उन्होंने बताया कि उक्त मशीन बड़े उद्योगों के साथ साथ छोटे उद्योगों एवं खनन कार्य के लिए भी बहुत उपयोगी है, क्योंकि इसमें धूलकण वायु में नहीं जाता है और यह एक सूखा पद्धति है। उन्होंने आशा व्यक्त किया कि आस पास के उद्योग प्रदर्शनी को देखेंगे और लाभ प्राप्त करेंगे।मेटलर्जी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉक्टर आर पी सिंह एवं प्रभारी निदेशक प्रोफेसर राम विनय शर्मा जी ने भी इन स्मार्ट कंपनी को कार्यशाला के साथ प्रदर्शनी लगाने के लिए बहुत धन्यवाद दिया। शुरुआत में सिम्फर धनबाद से आए गौरी चरण थोनानगी ने कोकिंग कोल ऑर नॉन कोकिंग कोल के तकनीकी पक्ष का विस्तार से वर्णन किया।इनस्मार्ट सिस्टम के भास्कर कटरावत ने भी अपने विचार व्यक्त किए।कार्यशाला के अध्यक्ष डॉ रणजीत प्रसाद ने बताया कि 6 दिवसीय कार्यशाला में दिल्ली, जयपुर रायगढ़, बेलारी, अलिगढ़, कानपुर, यादव पुर, गिरिडीह, राँची, हजारीबाग, धनबाद, चाईबासा, जमशेदपुर आदि स्थानों से 82 प्रतिभागियों ने भाग लिया। यह प्रतिभागी टाटा स्टील, एनएमएल, रुंगटा माइंस, जिंदल स्टील, टाटा मेटालिक्स, टाटा लांग प्रोडक्ट, सिमफर, आई.आई.टी. कानपुर आदि कम्पनी/संस्थानों से थे। बिभिन्न संस्थाओं से बीस विशेषज्ञों ने अपने विचार व्यक्त की है। उन्होंने सहयोग के लिए आई आई एम एम आई आई एम ए जमशेदपुर चैप्टर का धन्यवाद दिया।कार्यक्रम का आरंभ सरस्वती वंदना से हुआ। पी के पाठक ने कार्यक्रम का संचालन किया। प्रतिभागियों को सर्टिफिकेट देने के बाद राना साहू ने धन्यवाद ज्ञापन किया।
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