CHAIBASA NEWS :नोआमुंडी बीडीओ का बयान…मृत चमरू बिरहोर का परिवार टाटीबा का नहीं…हुआ झूठा साबित
मृतक की पत्नी के पास टाटीबा का आधार कार्ड और वोटर आईडी भी मौजूद
चाईबासा। नोआमुंडी प्रखंड विकास पदाधिकारी ने बिना सत्यता की जांच किए गत दिनों सदर अस्पताल में इलाज के दौरान मृत चमरू बिरहोर तथा उनके परिवार को नोआमुंडी प्रखंड के टाटीबा का निवासी होने से साफ इन्कार किया था। जबकि मृतक चमरू बिरहोर उसकी पत्नी पानी बिरहोर तथा बड़े पुत्र अमर बिरहोर के आधार कार्ड में नोआमुंडी के टाटीबा का पता अंकित है। वहीं चमरू बिरहोर और पानी बिरहोर का वोटर आईडी भी टाटीबा का बना है। दंपति का वोटर आईडी में मकान क्रम संख्या 129 एवं वोटर आईडी जारी करने की तिथि 6 जनवरी 2014 अंकित है। बिरहोर का आधार कार्ड 14 नवंबर 2013 को बना है। इससे यह साफ हो गया कि बिरहोर परिवार टाटीबा का ही निवासी है।
यह कहना है मृत बिरहोर के पत्नी की
पानी बिरहोर ने बताया कि चमरू ने जब उसे शादी कर टाटीबा लाया तो टाटीबा में पांच की संख्या में पत्तों से बनी झोपड़ी थी।पहला बच्चा जन्म के कुछ दिन बाद ही मर गया जिसको उन्होंने टाटीबा में ही दफनाया है। कुछ साल के बाद सरकार ने उन लोगों के लिए पक्की आवास की सुविधा दी। पति बक्सा बनाने का काम जानता था।उनका राशन कार्ड भी था। उन्हें प्रत्येक महीना राशन मिलता था। लेकिन टाटीबा के ही तीन बिरहोर ने साजिश के तहत उनके परिवार को पांच छह साल पूर्व टाटीबा से विस्थापित कर दिया। सर्वे में उनके परिवार को मृत घोषित करते हुए उनके सरकारी आवास पर कब्जा जमा लिया गया। चमरु का परिवार करीब तीन-चार साल तक इधर-उधर भटकता रहा। पिछले दो ढाई साल पूर्व उसका परिवार हाटगम्हरिया के जयरपी के पास झोपड़ी बनाकर अपना गुजर-बसर करता था।लेकिन अब उसके पति की मौत के बाद उसका तथा उनके दो छोटे-छोटे बच्चों का भविष्य अधर में लटक गया।
Comments are closed.