,चाईबासा। पश्चिम सिंहभूम जिला परिषद सभागार में मंगलवार को नव निर्वाचित जिला परिषद सदस्यों की पहली बैठक आयोजित हुई। जिला परिषद अध्यक्ष लक्ष्मी सुरीन की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में सर्वप्रथम सभी विभाग के पदाधिकारियों ने अपनी परिचय दिया. उसके बाद कार्यवाही आरंभ हुई। इस दौरान सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि जिला के उत्थान के लिये आठ समिति का गठन किया जायेगा। यह गठन आगामी होने वाली बैठक में होना है। इसमें सामान्य प्रशासन समिति को छोड़कर प्रत्येक समिति में कम से कम छह सदस्य पंचायत समिति या जिला परिषद के सदस्यों के बीच में से होंगे। वहीं शिक्षा समिति एवं महिला शिशु एवं सामाजिक समिति में कम से कम एक महिला तथा अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति के सदस्य शामिल होंगे. इसके अलावे विधानसभा का प्रत्येक ऐसा सदस्य जो पंचायत समिति का सदस्य है उस पंचायत के प्रत्येक समिति का पदेन सदस्य होगा। इसे लेकर जल्द ही रूपरेखा तैयार की जाएगी।


समस्या का समाधान नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी
इधर, कार्यक्रम के दौरान सभी सदस्यों ने अपना परिचय देते हुये क्षेत्र की समस्याओं को भी रखा। झींकपानी के जिप सदस्य जोन मिरन मुंडा ने पहली बैठक में ही व्यवस्था पर सवाल उठाते हुये समस्याओं का समाधान नहीं होने की बात कहीं. उन्होंने बिजली व पेयजल की भारी समस्या होने की बात कहीं, साथ ही विभाग पर सही तरीके से काम नहीं करने का आरोप भी लगाया। जबकि मंझारी के जिप सदस्य माधव कुंकल ने बिजली की समस्या पर सवाल उठाये। उन्होंने कहा कि लगातार शिकायत के बावजूद भी समस्या का समाधान नहीं होता है। आने वाले दिनों में पेयजल व बिजली का सुधार नहीं हुआ तो जोरदार विरोध किया जायेगा। बैठक में जिला परिषद अध्यक्ष लक्ष्मी सुरीन ने कहा कि आने वाले दिनों में जिला का विकास हो इसके पर सभी को एकजुट होकर कार्य करने की जरूरत है। जबतक एकजुट नहीं होंगे तबतक हम काम नहीं कर सकते है। उन्होंने कहा कि हर कार्य की समीक्षा निरंतर होगी।
बैठक में मुख्य रुप से यह रहे उपस्थित
बैठक में मुख्य रूप से सांसद गीता कोड़ा, चक्रधरपुर विधायक सुखराम उरांव, मझगांव विधायक निरल पूर्ति, डीडीसी संदीप बक्शी, कार्यपालक पदाधिकारी रविंद्र पांडे, जिला परिषद सदस्य मानसिंह तिरिया, लालमुनी पूरती, देवकी कुमारी, विजय भेगरा, लगेश्वर तामसोय, खूंटपानी प्रमुख सिद्धार्थ होनहागा आदि उपस्थित थे।
यह समिति का होगा गठन
इनमें सामान्य प्रशासन समिति, कृषि एवं उद्योग समिति, स्वास्थ्य, शिक्षा समिति, वित्त, अंकेक्षण तथा योजना एवं विकास समिति, सहकारिता समिति, महिला, शिशु एवं सामाजिक कल्याण समिति, वन एवं पर्यावरण समिति, संचार तथा संकर्म समिति का गठन होगा।