चाईबासा।
वनपाल प्रशिक्षण विद्यालय, चाईबासा में उप परिसर पदाधिकारी व वनकर्मियो को जीआईएस, जीपीएस व ड्रोन
कैमरे से वनों की सुरक्षा पर कैसे नजर बनाएं रखने की प्रशिक्षण दी गई ।
जिसमें सारंडा एवं पोड़ाहाट के कुल 75 लोगो ने प्रशिक्षण लिया।
प्रशिक्षण श्री अंजर अनीश,कनिष्ठ परियोजना फेलो, वन उत्पादकता संस्थान, रांची द्वारा के द्वारा दिया गया।
उन्होने बताया कि वर्तमान समय में जियोइंर्फोमेटिक्स की सहायता से वनों पर नजर रखनी आसान हो जाती है।
कैम्पा योजना की सभी कार्यों की विवरणी ई ग्रीन वॉच पोर्टल पर अपलोड करने एवं जीपीएस की सहायता से
पॉलिगन बनाने की प्रशिक्षण दी गई है।

वनों में दुर्गम स्थान में निगरानी रखने के लिए ड्रोन कैमरे की मदद ली जा सकती है ।
आने वाले दिनों में ड्रोन
तकनीक लाइफ के हर पहलू में कारगर साबित होने वाली है।
जंगल में गश्त के साथ तकनीक की भी अब जरूरत
महसूस होने लगी है। लिहाजा तकनीक के साथ आगे बढऩा होगा।
तकनीक की जानकारी वनकर्मियों को होना जरूरी है।
प्रशिक्षण में उनको ड्रोन के पार्ट्स, सेटिंग, चलाने व ड्रोन के वन्य जीवन में उपयोग जैसे मानव वन्य जीव संघर्ष की
निगरानी , वन अग्नि, अवैध पातन,अवैध शिकार , अवैध अतिक्रमण,जंगलों में तस्करी और अवैध खनन आदि में ड्रोन
की मदद से आसानी से वन संपदा को बचाया जा सकता है ।
ड्रोन की मदद से वन्य जीव संघर्ष रोकने में काफी हद तक वन विभाग को सफलता मिलेगी. प्रशिक्षण के लिए मिनी
ड्रोन कैमरे का उपयोग किया गया था।
इस प्रशिक्षण में पोड़ाहाट वन प्रमंडल पदाधिकारी श्री नितीश कुमार, संलग्न पदाधिकारी सारंडा श्री प्रजेश कांता जेना
एवं सहायक वन संरक्षक श्री निरंजन कुमार, प्रभारी वनपाल श्री आदित्य कुमार व अलग अलग वन प्रक्षेत्र से आए
कंप्यूटर ऑपरेटर उपस्थित थे।

