चाईबासा -जगन्नाथपुर MLA सोनाराम सिंकु से मिले नवनियुक्त शिक्षक, शिक्षकों ने सुप्रीम कोर्ट में पक्ष रखने की सरकार से लगायी गुहार

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माननीय सर्वोच्च न्यायालय में सरकार रखेगी अपना पक्ष

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चाईबासा।
CGTTCE 2016 के अंतर्गत JSSC के माध्यम से नियुक्त 13अनुसूचित जिला के शिक्षकों की नौकरी की रक्षा के लिए सरकार द्वारा सर्वोच्च न्यायालय में जल्द अपना पक्ष रखने का आग्रह जगन्नाथपुर विधायक सोनाराम सिंकु से नवनियुक्त शिक्षकों ने किया। शुक्रवार को नवनियुक्त शिक्षको ने रूगुरसाई में विधायक सोनाराम सिंकु के आवास पर मिले और ज्ञापन भी सौंपा। वहीं शिक्षकों ने न्यायिक कार्यवाही पर मंथन करने के साथ आगे की कार्यवाही पर विधायक सोनाराम सिंकु से परामर्श भी लिया।
विधायक सोनाराम सिंकु ने कहा कि वे आपकी इस लड़ाई में हमेशा सहयोग करेगें। राज्य सरकार भी तत्पर है। इस न्यायिक मामले पर सरकार के स्तर पर विभिन्न बिंदुओं पर गंभीरता पूर्वक कारवाई हो रही है। माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा भी फिलहाल शिक्षकों को रियायत दी गई है, आगे भी आपके हित में फैसला होगा। राज्य सरकार जल्द ही अपना पक्ष माननीय सर्वोच्च न्यायालय में रखेगी।
जानकारी हो कि सर्वोच्च न्यायालय ने उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगाते हुए सरकार को दो सप्ताह के अंदर अपना पक्ष रखने को कहा है। इसी बाबत नवनियुक्त शिक्षको ने विधायक सोनाराम सिंकु से आग्रह किया कि शिक्षकों के हित में पहल कराते हुए सरकार अपना पक्ष रखते हुए सभी शिक्षको को बर्बाद होने से बचाया जाए। माननीय उच्च न्यायालय दवारा विगत 21-09- 2020 को सोनी कुमार बनाम झारखंड सरकार मामले में नियोजन नीति रद्द होने के बाद CGTICE 2016 के अंतर्गत ISSC के माध्यम से नियुक्त 13 अनुसूचित जिला के शिक्षकों की नौकरी संकट में आ गई दिनांक 24/10/2020 को शिक्षकों द्वारा सर्वोच्च न्यायालय में दायर याचिका की पहली सुनवाई में माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने माननीय उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगाते हुए सरकार को 2 सप्ताह के अंदर अपना पक्ष रखने को कहा है । इसीलिए सरकार से हम सभी शिक्षकों की और से विनम गुहार है कि सरकार अपना पक्ष रख कर हम सभी शिक्षकों को बर्बाद होने से बचा ले । उपयुक्त संबंध में सादर निवेदन है कि 1. उक्त मामले में नवनियुक्त हाई स्कूल शिक्षकों की कोई गलती नहीं है । सभी शिक्षकों ने सरकार के निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित करते हुए मेरिट के आधार पर परीक्षा पास कर नौकरी प्राप्त की है ।अलः आग्रह है कि किसी भी तरह से नौकरी की रक्षा करने की कृपा करें ।बिना गलती के सजा से बचाने की गुहार शिक्षक कर रहे हैं । 2. माननीय उच्च न्यायालय द्वारा दिए गए फैसले में बहुत सारे बिंदु ऐसे हैं जिस पर माननीय सुप्रीम कोर्ट में अपील की जा सकती है ।कार्यरत शिक्षकों के भविष्य मानवाधिकार की अनदेखी की गई है । 3 . बहुत सारे शिक्षक अन्य सरकारी नौकरी छोड़कर झारखंड सरकार के अंतर्गत हाई स्कूल शिक्षक पद पर नियुक्ति पाए हैं ।पहले की नौकरी छोड़ने के बाद नौकरी छूटने से गंभीर संकट उत्पन्न हो जाएगी ।अनुसूचित सभी जिला में एससी एसटी ओबीसी दिव्यांग कार्यरत शिक्षक व सामान्य वर्ग के सभी को आरक्षण का अवसर प्राप्त हुआ है । जबकि माननीय उच्च न्यायालय द्वारा आंध्र प्रदेश के केस का हवाला दिया गया है । जिसमें सिर्फ अनुसूचित जाति के लिए आरक्षण तय किया गया था । 5. कार्यरत शिक्षकों ने बच्चों को 15 से 24 माह मनोयोग से पढ़ाया है । लोन इंश्योरेंस आदि ले चुके हैं नौकरी जाने से उनके परिवार बुजुर्ग बीमार माता – पिता के समक्ष गंभीर संकट उत्पन्न हो जाएगा । आपसे विनम आग्रह है कि 1 सरकार सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिए गए समय अवधि में सर्वोच्च न्यायालय में जाकर अपना पक्ष रखे और हमें बर्बाद होने से बचाए । 2. अध्यादेश लाकर यदि संभव हो तो शिक्षकों की नियुक्ति बरकरार रखने की कृपा करें । 3.सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा देकर शिक्षकों की रक्षा सुनिश्चित करने की कृपा करें । जैसा कि पहले की सरकारों ने भी किया है । 4. नवनियुक्त शिक्षकों के हितों की रक्षा के लिए माननीय सुप्रीम कोर्ट में सरकार द्वारा गुहार लगाए जाने की अपील हम सभी शिक्षक करते हैं। आप हमारे अभिभावक है । अतः आप से ही आग्रह है कि 13 जिलों में कार्यरत सभी शिक्षकों की नौकरी की रक्षा करने की कृपा क

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