BJNN SPL कभी सिक्योरिटी कंपनी में करते थे काम अब खुद हैं एक सिक्योरिटी कंपनी के मालिक, संघर्ष की मिसाल हैं अमरनाथ ठाकुर
ANNI AMRITA
JAMSHEDPUR
कौन कहता है कि आसमां में सुराख नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबियत से उछालो , ये तो कई बार सुनने को मिलता है लेकिन ये हकीकत में भी देखने को मिलता है , बस ज़रा ठहरकर थम कर किसी की कहानी सुन लेने की जरूरत है।समाज में जितने भी लोग आज सफल दिखते हैं या दूसरों को रोज़गार देते नज़र आते हैं उन सबकी कहानी सुनी जाए तो वह न सिर्फ अनुकरणीय है बल्कि कुछ कर गुजरने का साहस भी देती है।ऐसे ही एक शख्स हैं जमशेदपुर से सटे आदित्यपुर के अमरनाथ ठाकुर।बजरंग सिक्योरिकी के डायरेक्टर/प्रोपराईटर अमरनाथ ने कभी नौकरी की तलाश में स्टेशन पर सत्तू खाकर भी दिन बिताए थे और आज न सिर्फ वे 10करोड़ टर्नओवर वाली कंपनी के मालिक हैं बल्कि टाटा स्टील की सेवानिवृत्त अधिकारी चंद्रा शरण के साथ मिलकर महिलाओं को सशक्त करने में भी जुटे हैं।सिक्योरिटी के क्षेत्र में कार्य करने की इच्छुक जरूरत महिलाओं को चंद्रा शरण की मदद से प्रशिक्षित करवाते हैं और फिर उनकी प्लेसमेंट करवाते हैं।चंद्रा शरण की कंपनी बसेरा इमपावरमेंट महिला सिक्योरिटी गार्डस को प्रशिक्षण देने का काम करती है।इनमें से 80प्रतिशत महिलाओं की प्लेसमेंट बजरंग सिक्योरिटी करती है।उसके अलावा बजरंग सिक्योरिटी ने हजारों लोगों को रोज़गार देने का काम किया है।जमशेदपुर के अंतर्राष्ट्रीय स्तर के संस्थान एक्सएलआरआई से लेकर विभिन्न संस्थानों, इंडस्ट्रीयल एरिया ,.एयरफोर्स समेत क ई जगहों पर बजरंग सिक्योरिटी कंपनी के गार्ड्स अपनी सेवाएं दे रहे हैं.
ये रास्ता इतना आसान न था।बचपन में ही पिता का साया हट चुका था।पिता की असमय मौत की वजह से संघर्षशील बचपन जीते हुए अमरनाथ ने किसी तरह मैट्रिक किया और फिर 1995में दिल्ली आ गए।यहां बहुत संघर्ष करने के बाद फैक्ट्री में काम किया।कुछ साल के बाद पटना आए जहां नौकरी की तलाश में स्टेशन पर सत्तू खाकर दिन काटने पड़े थे।वहां एक सिक्योरिटी कंपनी में नौकरी पकड़ी।2006में वे जमशेदपुर आए।2006में ही उनकी शादी हुई। विपरीत परिस्थितियों के बावजूद अमरनाथ ने कभी हिम्मत नहीं सारी और पत्नी ने भी हर हालात में साथ दिया। उन्होंने बजरंग सिक्योरिटी नाम से खुद की कंपनी बनाई जो धीरे धीरे स्थापित होने लगी।
आज अमरनाथ 10करोड़ टर्न ओवर वाली कंपनी के मालिक हैं।लोगों को रोज़गार उपलब्ध कराते हैं।अपने बच्चों के साथ साथ अपने परिवार के दूसरे बच्चों के भविष्य को ध्यान में रखकर अपने पैर पर खड़ा होने में मदद करते हैं।इतना ही नहीं सामाजिक कार्यों में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते हुए अब तक 80गरीब कन्याओं का विवाह करवा चुके हैं।
अमरनाथ की बजरंग सिक्योरिटी कंपनी में सेना से रिटायर किए 25अफसर हैं जो 800से ज्यादा गार्डस का सुपरविजन करते हैं।पूरे भारत में 280जगहों पर ये कंपनी अपनी सेवा दे रही है।
अमरनाथ ठाकुर परिस्थितियों की वजह से मैट्रिक से आगे नहीं पढ़ पाए लेकिन आज कुशलतापूर्वक एक कंपनी चला रहे हैं और कंप्यूटर, लैपटॉप से लेकर मोबाईल या जितने आधुनिक संसाधन और टेक्नोलॉजी है सबका इस्तेमाल बखूबी जानते हैं।उन्होंने खुद औपचारिक उच्च शिक्षा नहीं ली लेकिन आज वे दूसरों को रोज़गार देकर उन्हें सशक्त कर रहे हैं
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