पूर्वी सिहभूम जिला में वन विभाग हाथियो की मुवमेंट की नजर रखने के लिए सोशल मिडिया का सहारा लिया जा रहा है। वकायदा इसके लिए डी एफ ओ का एक वाट्स ग्रुप बनाया गया है। जिसमे कोल्हान के सारे के डी एफ ओ के साथ साथ पड़ोसी राज्य के ओड़िसा के डी एफ ओ को शामिल किया गया है। इसमे करीब 34 वन विभाग के पदाधिकारी शामिल है। और इस ग्रुप के माध्यम सेेे हाथियों की मुवमेंट पर नजर रखी जा रही हैं।
इस सबंध में जमशेदपुर वन प्रमण्डल पदाधिकारी ममता प्रियदर्शी ने बताया कि हाथियो का मुवमेंट में पहले जानकारी मे काफी काठिनाईया होती थी। और जब होती भी तब तक हाथियों के द्रारा काफी नुकसान पहुचा दिया जाता था। इस कारण एक वाट्स ग्रुप बनाया गया है। जिसका नाम inter stete elephant group रखा गया है। जिसमें पडोसी राज्य ओड़िसा के मयुरभंज रायरंगपुर के डी एफ ओ , रेंजर सहित कोल्हान के सभी डी एफ ओ को रखा गया है। जिसमे हाथियों के मुवमेंट पर जानकारी दी जाती है। अगर झारखंड में हाथियों का झूंड प्रवेश करता है। तो हाथियो के इस मुवमेंट की जानकारी ओड़िसा के डी एफ ओ ग्रुप में देते है । और उस सुचना के माध्यम से हाथियों के कॉरिडोर के आस पास रहने वाले लोगो को सर्तक कर दिया जाता है। जिससे नुकसान कम होने की संभावना रहती है। उन्होने बताया कि बंगाल के कोई भी वन विभाग के अधिकारी इसमें कोई शामिल नही है।जिसने बंगाल के हाथियों के सुचना पर कठिनाईया होती है। लेकिन कोशिश की जा रही है। की बंगाल के वन विभाग के अधिकारीयों को शामिल कर लिया जाए।
मालूम हो कि पूर्वी सिहभूम जिला में सीमावर्ती राज्यो से बंगाल और ओडिसा राज्यो से हाथियों का आना जाना लगा रहता है। इस दौरान हाथियों के द्रारा जान –माल के नुकसान भी होता है। और इसके एवज में मुआवजा भी वन विभाग को देना पड़ता है। वही लॉ एण्ड ऑर्डर की गड़बड़ाने की संभावना बनी रहती है।
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