नई दिल्लीः उत्तर प्रदेश में 10 सीटों के लिए राज्यसभा चुनाव प्रक्रिया चल रही है। दिन भर चले हंगामे के बीच आखिरकार राज्यसभा चुनाव के निर्वाचन अधिकारी ने समाजवादी पार्टी (सपा) समर्थित प्रकाश बजाज के नामांकन को रद्द कर दिया। पर्चा खारिज होने का कारण उसमें प्रस्तावक के गलत हस्ताक्षर व अन्य त्रुटियां हैं। राज्यसभा की दस सीटों पर हो रहे चुनाव में भाजपा के आठ, बसपा और सपा के एक-एक उम्मीदवारों सहित सभी दस उम्मीदवारों का निर्विरोध निर्वाचन तय हो गया है।
उधर बसपा प्रत्याशी रामजी गौतम का पर्चा स्वीकार कर लिया गया है। बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने बताया, “प्रकाश बजाज के प्रस्तावक का नाम गलत था। इसके अलावा फॉर्म 26 में कई गलतियां थी । इसी कारण उनका पर्चा निरस्त कर दिया गया है। बजाज के एक प्रस्तावक ऐसे भी जो विधनसभा के सदस्य ही नहीं है। ऐसी कई बड़ी गलतियों के कारण उनका पर्चा खारिज कर दिया गया है।
बगावत करने वाले विधायको पर मिश्रा ने कहा, “उन लोगों ने सबके सामने रामजी गौतम के प्रस्तावक के रूप में अपने हस्ताक्षर किए। अब वह किस दवाब में गलत बयानी कर रहे इसका पता नहीं है। इससे पहले बुधवार को सुबह 11 बजे बसपा के चार विधायक असलम चौधरी, असमल राइनी, हाकिमचंद बिंद और मुजतबा सिद्दीकी ने निर्वाचन अधिकारी के समक्ष पहुंचकर बसपा उम्मीदवार रामजी गौतम के नामांकन पत्र से अपना प्रस्ताव वापस लेने की अर्जी दी।
उन्होंने कहा कि नामांकन पत्र पर जिस क्रमांक में दस्तखत है वह उनके नहीं है। बसपा के महासचिव सतीश चंद्र मिश्र, विधानसभा में बसपा के नेता लालजी वर्मा और विधायक उमाशंकर सिंह ने रामजी गौतम के बचाव में नामांकन के समय की वीडियो फुटेज और फोटोग्राफ प्रस्तुत करते हुए नामांकन को सही बताया। सपा और बसपा की तरफ से बुधवार को दिनभर चले तर्क-वितर्क के बाद आखिरकार देर शाम निर्वाचन अधिकारी अशोक कुमार ने सपा समर्थित प्रकाश बजाज के नामांकन पर आपत्तियों को स्वीकार करते हुए उनका परचा खारिज कर दिया। साथ ही बसपा उम्मीदवार के नामांकन पत्र पर आई आपत्तियों को खारिज कर दिया।
निर्वाचन अधिकारी के निर्णय के बाद राज्यसभा चुनाव में सभी दस सीटों पर दस उम्मीदवारों का निर्विरोध निर्वाचन तय हो गया। 2 नवंबर तक उम्मीदवार नाम वापस ले सकते हैं, नाम वापसी का समय बीतने के बाद सोमवार को सभी दस उम्मीदवारों के निर्विरोध निर्वाचन की औपचारिक घोषणा की जाएगी।
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