
पटना। भारत निर्वाचन आयोग ने बिहार राज्य में निर्वाचक नामावली (मतदाता सूची) का विशेष गहन पुनरीक्षण कार्यक्रम शुरू करने की घोषणा की है। यह अभियान आगामी चुनावों को ध्यान में रखते हुए मतदाता सूची को अद्यतन करने और नई उम्र के योग्य मतदाताओं को जोड़ने के उद्देश्य से किया जा रहा है।


इस विशेष पुनरीक्षण की प्रक्रिया 1 जुलाई 2025 से शुरू होकर 31 अगस्त 2025 तक चलेगी। इस दौरान सभी जिलों में बीएलओ (बूथ लेवल अधिकारी) घर-घर जाकर लोगों की जानकारी एकत्र करेंगे और मतदाता सूची में सुधार, नाम जोड़ने, हटाने या संशोधन के अनुरोध लेंगे।
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मुख्य उद्देश्य:
18 वर्ष या उससे अधिक आयु के नए मतदाताओं का नामांकन
मृत, स्थानांतरित या दोहराए गए नामों को सूची से हटाना
नाम, पते, फोटो या लिंग में त्रुटियों का सुधार
विकलांग मतदाताओं एवं वरिष्ठ नागरिकों के लिए सुविधा सुनिश्चित करना
विशेष तिथियाँ:
ड्राफ्ट मतदाता सूची का प्रकाशन: 1 जुलाई 2025
दावों एवं आपत्तियों की अंतिम तिथि: 31 जुलाई 2025
दावों/आपत्तियों का निपटारा: 15 अगस्त 2025 तक
अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन: 31 अगस्त 2025
घर-घर जाकर जांच:
बीएलओ अपने क्षेत्र के हर घर में जाकर जानकारी एकत्र करेंगे। इसके साथ ही, आयोग द्वारा डिजिटल माध्यमों से भी आवेदन स्वीकार किए जाएंगे। www.nvsp.in पोर्टल और Voter Helpline App के माध्यम से कोई भी नागरिक ऑनलाइन आवेदन कर सकता है।
आयोग की अपील:
राज्य निर्वाचन अधिकारी ने सभी नागरिकों से अपील की है कि वे इस अभियान में बढ़-चढ़कर हिस्सा लें और यह सुनिश्चित करें कि उनका नाम, जन्मतिथि और अन्य विवरण मतदाता सूची में सही तरीके से दर्ज हो। विशेष रूप से 18 वर्ष पूरी कर चुके युवाओं से आग्रह किया गया है कि वे अपना नामांकन कराएं और लोकतंत्र में भागीदार बनें।
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दस्तावेज़ जरूरी:
नामांकन या सुधार के लिए आधार कार्ड, निवास प्रमाणपत्र, जन्मतिथि प्रमाणपत्र जैसे वैध दस्तावेज़ आवश्यक होंगे।
इस विशेष गहन पुनरीक्षण के माध्यम से निर्वाचन आयोग का लक्ष्य है कि बिहार में स्वच्छ, अद्यतन और समावेशी मतदाता सूची तैयार हो, जिससे चुनाव प्रक्रिया और अधिक पारदर्शी और विश्वसनीय बन सके।