शेखपुरा-बिहार सरकार के स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोलती शेखपुरा सदर अस्पताल की स्वाथ्य व्यवस्था, व्यवस्था का हाल जान रह जाएंगे दंग, ठण्ड से बचाव के लिये नवजात को भी नसीब नहीं हो रहा है कम्बल
बिहार सरकार के स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप तो स्वास्थ व्यवस्था में काफी सुधार करने के बड़े-बड़े दावे तो जरूर करते हैं ,लेकिन धरातल पर सरकार की सास्थ्य व्यवस्था की पोल इस वीडियो ने खोलकर रख दी है शेखपुरा की सदर अस्पताल की स्वास्थ्य व्यवस्था ।इस अस्पताल की व्यवस्था को जान आप भी दंग रह जाएंगे । हमारे शेखपुरा संवाददाता जब शुक्रवार की देर शाम शेखपुरा सदर अस्पताल की व्यवस्था की जानकारी लेने पहुंचा तो वहां प्रसूति वार्ड में ठण्ड से नवजात और उसकी माँ बिना सरकारी कम्बल की व्यवस्था से अपने आप को बचाती नजर आई । इस बाबत प्रसूति वार्ड में भर्ती प्रीति देवी , मुन्नी देवी ने बताया कि वह डिलेवरी के लिए सदर अस्पताल शेखपुरा में गुरूवार को भर्ती हुई । उसका डिलेवरी तो हो गया , लेकिन नवजात बच्चे को ठण्ड से बचाव के लिए सरकारी कम्बल भी उन्हें नही दी गयी ।उसे सुदूर गाँव से अचानक प्रसव पीड़ा होने के चलते सदर अस्पताल में भर्ती होना पड़ा ।वह घर से बिना ओढ़ना बिछावन लिए ही यह सोंच कर चल दी कि अस्पताल में सरकारी कम्बल और बिछावन मिलेगा ।लेकिन यहां नही मिला ।डिलेवरी की रात नवजात समेत उसे भी ठण्ड में ही गुजारनी पड़ी ।अगले दिन उसके परिजन को अपने घर से ओढ़ना बिछावन लाना पड़ा तब जाकर वह अपनी और अपने बच्चे को ठण्ड से बचा पा रही है ।इसी तरह की दर्द का वयां इमरजेंसी वार्ड में भर्ती सुषमा ने किया ।उसने कहा कि सदर अस्पताल में उसकी 5 वर्षीय बच्ची को बिच्छु काटे जाने पर उसके इलाज के लिए भर्ती है। भर्ती होने के बाद इस ठण्ड में बचाव के लिए उसे न तो सरकारी बिछावन-कम्बल मिला और न मच्छर से बचाव के लिए मच्छरदानी ही ।इसी तरह सभी वार्डो में भर्ती मरीजों ने ठण्ड से बचाव के लिए अस्पताल द्वारा कम्बल नही दिए जाने का रोना रोया।मरीजों ने बताया कि उन्हें दवा भी प्राइवेट दूकान से लाना पड़ है ।केवल अस्पताल से एकाध बोतल पानी मरीज को चढा दिया जाता है ।एकबार पानी चढ़ा दिए जाने के बाद न तो डॉक्टर मरीज को देखने आता है और न नर्स ही ।गरीब आदमी तो ऐसे अस्पताल में तड़प-तड़प कर ही जाएगा । वहीँ सिविल सर्जन डॉ मृगेंद्र प्रसाद सिंह ने कहा कि रात में अस्पताल में भर्ती मरीजों को रात में ठण्ड से बचाव के लिए सरकारी कम्बल दिया जाता है ।मच्छरदानी दिया जाता है या नही इसकी जांच पड़ताल किया जाएगा।उन्होंने कहा कि आउटडोर में मरीजों के बीच 18 तरह की दवाओं का वितरण किया जा रहा है।