BIG BRAKING :कदमा मंदीर विवाद मामले में 16 साल बाद साक्ष्य के अभाव में पूर्व मुख्यमंत्री सह भाजपा के राष्टीय उपाध्यक्ष रघुवर दास सहित 20 आरोपी साक्ष्य के आरोप में हुए बरी
पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि मंदिर चहारदीवारी के विवाद के झूठे मामले में हमें फंसाया गया था
चाईबासा।कदमा थाना क्षेत्र में 2007 को मंदिर की चारदीवारी निर्माण कार्य को लेकर हुए विवाद मामले में न्यायाधीश ऋषि
कुमार के न्यायालय एमपी एमएलए कोर्ट चाईबासा ने साक्ष्य के अभाव में पूर्व मुख्यमंत्री सह भाजपा के राष्टीय उपाध्यक्ष रघुवर
दास समेत 20 आरोपी को किया बाइज्जत बरी कर दिया गया। ज्ञात हो की वर्ष 2007 में जमशेदपुर के कदमा थाना क्षेत्र
अंतर्गत मंदिर की चारदीवारी निर्माण में शुरू हुए विवाद में आरोपी बने पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास समेत 20 लोगों को
चाईबासा के एमपी एमएलए कोर्ट में न्यायाधीश ऋषि कुमार ने साक्ष्य के अभाव में बाइज्जत बरी कर दिया गया । अदालत में
इस मामले में चली गवाही के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।आज विशेष अदालत ने अपने फैसले में साक्ष्य के
अभाव में पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के साथ साथ आरोपी बनाए गए सभी नेताओं को बाइज्जत बरी करने का फैसला
सुनाया।बाईज्जत बारी होने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि मंदिर चहारदीवारी के विवाद के झूठे मामले में हमें
फंसाया गया था तभी से यह मामला चल रहा था।न्यायालय ने फैसला करते हुए सभी को बरी कर दिया गया।इस फैसले में
व्यक्ति की जीत नही बल्कि सत्य की जीत हुई है
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कौन कौन थे आरोपी
इस मामले में रघुवर दास के साथ राजकुमार सिंह , कुलवंत सिंह बंटी , विनोद सिंह , देवेंद्र सिंह , रामबाबू तिवारी , राजहंस तिवारी , मुकुल मिश्रा , विकास सिंह , नंदजी प्रसाद , राजीव नंदन सिंह , अजीत सिंह , ललन द्विवेदी , देवानंद झा , सुबोध श्रीवास्तव , बटेश्वर पांडेय , सुधांशु ओझा , उमेश सिंह , भुवनेश्वर सिंह , राजकुमार राय तथा राजेश सिंह को आरोपी बनाया गया था।
किया है पुरा मामला
यह मामला 24 अप्रैल 2007 का है। कदमा थाना पुलिस ने मंदिर की चहारदीवारी विवाद प्रकरण में भाजपा कदमा मंडल के तत्कालीन अध्यक्ष सुधांशु ओझा , उमेश सिंह , भुवनेश्वर सिंह , राजेश सिंह राजकुमार राय को हाजत में बंद कर दिया था। उसी दिन शाम 6.15 बजे रघुवर दास अपने कार्यकर्ताओं के साथ कदमा थाना से पांचों आरोपियों को ले गये। इस घटना को लेकर उनके खिलाफ कदमा थाना में नामजद प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
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पहले श्री दास सर्किट हाउस पहूंचे वहां से सिधे न्यायालय आये और न्यायाधिश के समक्ष हाजिर हुए।गुरूवार का दिन श्री दास के लिए शुभ रहा।उस वक्त श्री दास सहित 20 साथी को राहत मिली जब न्यायाधिश द्वारा साक्ष्य के अभाव में सभी को बरी कर दिया गया।भाजपायों के चेहरे पर खूशी का आलम था।बाद में पार्टी संगठन को लेकर सभी कार्यकर्ताओं व पदाधिकारियों के साथ बैठक कर विस्तार रूप से चर्चा की गई।जिलाध्यक्ष को लेकर भी चर्चा हुई और संगठन को कैसे मजबुत किया जाय तथा मिशन 2024 के लिए भी रणनिती पर चर्चा किया गया।
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