भुवनेश्वर। कंपनी की एफरमेटिव एक्शन नीति के तहत टाटा स्टील ने ओडिशा के आर्थिक रूप से कमजोर अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के 782 विद्यार्थियों को इस वर्ष ज्योति फेलोशिप से सम्मानित किया। पिछले 30 वर्षों के दौरान टाटा स्टील ने स्कूल और कॉलेज के अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति विद्यार्थियों के लिए फेलोशिप के रूप में वित्तीय सहायता का विस्तार किया है।
टाटा स्टील ज्योति फेलोशिप का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि आर्थिक रूप से कमजोर अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति परिवारों के मेधावी विद्यार्थियों को अपने शैक्षिक लक्ष्य आगे बढ़ाने और कैरियर की आकांक्षाओं को पूरा करने का अवसर मिले। टाटा स्टील की ट्राइबल कल्चरल सोसाइटी (टीसीएस) योग्यता आधारित परीक्षण प्रक्रिया के आधार पर कंपनी के परिचालन क्षेत्रों के योग्य उम्मीदवारों की पहचान करती है।
कंपनी के तीन दिवसीय (23-25 जनवरी, 2019) कार्यक्रम ‘अरुणिमा’ के दौरान विद्यार्थियों को सम्मानित किया गया। यह कार्यक्रम कलिंगानगर में सामुदायिक-आधारित पहलों की प्रगतिशील यात्रा को प्रदर्शित करने के लिए आयोजित किया गया था। ’अरुणिमा’ के इस तीसरे संस्करण में बाम्नीपाल, सुकिंदा और कलिंगानगर के 2000 से अधिक लाभार्थियों को एक साथ एक मंच पर लाया गया। पहले दिन के कार्यक्रम में श्री कृष्ण चंद्र नायक, जिला शिक्षा अधिकारी, जाजपुर, इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए और विद्यार्थियों को फ़ेलोशिप प्रदान किया। .इस वर्ष 782 विद्यार्थियोंको ज्योति फेलोशिप से सम्मानित किया गया, जिसमें 353 विद्यार्थी कलिंगानगर से, 203 बामनीपाल से और 226 सुकिंदा से हैं।
टाटा स्टील कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (ओडिशा) के हेड श्री अंबिका प्रसाद नंदा ने कहा, “ज्योति फेलोशिप विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा पूरी करने और हमें जीवन में सफल होने के लिए उन्हें प्रेरित करने का अवसर प्रदान करता है। हमारा प्रयास शिक्षा के माध्यम से सामाजिक परिवर्तन लाना है। मैं सभी विद्यार्थियों से आग्रह करता हूं कि वे न केवल एक सफल करियर की आकांक्षा करें, बल्कि देश का अच्छा नागरिक भी बने।”
फेलोशिप के तहत 3,750 रुपये (कक्षा 8 के विद्यार्थियों के लिए), 4,500 रुपये (कक्षा 9), 4,500 रुपये (कक्षा 10), 8,500 रुपये (इंटरमीडिएट), 8,500 रुपये (स्नातक), 10,000 रुपये (डिप्लोमा) और 25,000 रुपये (बी.टेक, एमबीबीएस आदि) की धनराशि दी गयी। इस अवसर पर 10वीं कक्षा तक के विद्यार्थियों को योग्यता प्रमाणपत्र भी दिए गए।
नकद पुरस्कारों के साथ, स्कूल और कॉलेज स्तर पर योग्यता परीक्षा में कलिंगानगर, सुकिंदा और बाम्नीपाल के 16 टॉप परफॉर्म करने वाले विद्यार्थियों को कक्षा सातवीं-बारहवीं की एनसीईआरटी अध्ययन सामग्री युक्त कंप्यूटर टैबलेट दिये गये। फेलोशिप के तहत सभी विद्यार्थियोंके बीच कुल राशि 50.36 लाख रुपये की धनराशि वितरित की गयी।
पिछले पांच वर्षों में, कलिंगानगर, सुकिंदा और बाम्नीपाल के विद्यार्थियों के बीच 2.5 करोड़ रुपये के कुल 4,195 फेलोशिप वितरित किये गये हैं।
ज्योति फेलोशिप विद्यार्थियों को इंटरमीडिएट, स्नातक, स्नातकोत्तर, एलएलबी, बी.एड, होटल मैनेजमेंट या एमबीए कोर्स करने में सक्षम बनाता है। ओडिशा में, गंजाम, जाजपुर, क्योंझर और सुंदरगढ़ जिलों के विद्यार्थी इससे लाभान्वित होते हैं। झारखंड के विभिन्न जिलों जैसे -पूर्वी सिंहभूम, पश्चिम सिंहभूम, सरायकेला-खरसावां, धनबाद और रामगढ़ में भी विद्यार्थियों को ज्योति फेलोशिप प्रदान की जाती है।
वित्तीय वर्ष 2017-2018 के दौरान झारखंड और ओडिशा के 3,269 विद्यार्थियों ने ज्योति फेलोशिप प्राप्त किया। ज्योति फेलोशिप के माध्यम से 1.9 करोड़ रुपये का वितरण किया गया था।
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