BHU के इतिहासकार राकेश पांडेय ने आजादी के अमृत महोत्सव कार्यक्रमों को लेकर की केंद्र सरकार की सराहना
पीआईबी-आरओबी रांची, एफओबी दुमका और बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, वाराणसी के संयुक्त तत्वावधान में स्वाधीनता सेनानी एवं क्रांतिकारी कवि राम प्रसाद बिस्मिल जयंती स्मरणोत्सव पर वेबिनार का आयोजन
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के पीआईबी-आरओबी रांची, एफओबी दुमका और बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, वाराणसी के संयुक्त तत्वावधान में शुक्रवार को *स्वाधीनता सेनानी एवं क्रांतिकारी कवि राम प्रसाद बिस्मिल जयंती स्मरणोत्सव * पर वेबिनार का आयोजन किया गया। यह वेबिनार स्वतंत्रता के 75 साल पूरे होने तक आयोजित किए जाने वाले आजादी के अमृत महोत्सव समारोहों की कड़ी का एक हिस्सा था।
वेबिनार की अध्यक्षता करते हुए पीआईबी-आरओबी रांची के अपर महानिदेशक श्री अरिमर्दन सिंह ने कहा कि आजादी के मतवालों की कुर्बानियां हमें यह सीख देती है कि लक्ष्य कितना भी कठिन हो पर हमें सदा संघर्षरत रहना है। अनवरत संघर्ष एक दिन अच्छा परिणाम लेकर आता है। श्री सिंह ने कहा कि आज हम छोटे से कष्ट सहने के लिए भी तैयार नहीं है लेकिन आजादी के दीवाने कठिन से कठिन सजा़ और परिश्रम स्वीकार करने के लिए सदैव तैयार रहते थे। आजादी का लक्ष्य था कि समाज में सबको बराबरी मिले। हमें अधिकार तो संविधान से मिला लेकिन दायित्व हमें निभाना जिसे हम सत्य-निष्ठा और इमानदारी के साथ करें तभी आजादी का वास्तविक मतलब सिद्ध होगा।
इससे पूर्व वेबिनार के आरंभ में क्षेत्रीय प्रचार अधिकारी गौरव पुष्कर ने आजादी का अमृत महोत्सव मनाने के पीछे केंद्र सरकार के उद्देश्यों को बताते हुए कहा कि हमें अपने आने वाली पीढ़ी और खासकर युवाओं को यह बताना है कि आजादी का लक्ष्य कितना मुश्किल था और कितनी कठिन परिस्थतियों के बावजूद हमारे सेनानियों ने परतंत्रता से स्वतंत्रता दिलाई। इन 75 वर्षों में देश ने कितनी तरक्की की, क्या उपलब्धियां पाई और आने वाले 100 सालों में हम क्या करेंगे, इस महोत्सव का लक्ष्य इसे भी बताना है। केंद्र सरकार का लक्ष्य है कि हम ऐसे कम ज्ञात स्वाधीनता सेनानियों के बारे में भी लोगों को बताएंगे जिनके बारे में बहुत लोगों को जानकारी नहीं है। आरओबी रांची ने इस कड़ी में बिरसा मुंडा की जन्मस्थली जिले खूंटी और ऐतिहासिक महत्व वाले शहर रामगढ़ में चित्र प्रदर्शनी के माध्यम से लोगों तक जानकारियां पहुंचाई है।
परिचर्चा के मुख्य अतिथि एवं बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, वाराणसी के प्रोफेसर राकेश पांडे ने अपने व्याख्यान के द्वारा आजादी की संघर्ष की गाथा पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा की अंग्रेजों को तकनीकी बढ़त प्राप्त थी और वे भारतीयों को दूसरे दर्जे के नागरिक बनाने के लिए तत्पर थे, लेकिन राम प्रसाद बिस्मिल जैसे युवा क्रांतिकारी स्वाधीनता सेनानियों ने अंग्रेजों के नाक में दम कर रखा था।
शाहजहांपुर के एक छोटे से गांव में पैदा हुए राम प्रसाद बिस्मिल से भारतीयों की पीड़ा देखी नहीं गई और कुछ साथियों के साथ मिलकर उन लोगों ने अंग्रेजों से लोहा लेने का निश्चय किया और वे इसमें सफल भी हुए।
प्रोफेसर राकेश पांडे ने बताया कि राम प्रसाद बिस्मिल और उनके युवा क्रांतिकारी साथी बड़े ऊंचे नैतिक मूल्यों का पालन करने वाले लोग थे। प्रोफेसर पांडे ने बताया कि क्रान्तिकारियों द्वारा चलाए जा रहे स्वतन्त्रता के आन्दोलन को गति देने के लिये धन की तत्काल व्यवस्था की जरूरत के शाहजहाँपुर में हुई बैठक के दौरान राम प्रसाद बिस्मिल ने अंग्रेजी सरकार का खजाना लूटने की योजना बनायी थी। क्रांतिकारियों का यह मानना था की अंग्रेजी सरकार का खजाना भारत देश का ही खजाना है जो उन्होंने यहीं अर्जित किया है।
अतः योजनानुसार दल के ही एक प्रमुख सदस्य राजेन्द्रनाथ लाहिड़ी ने ९ अगस्त १९२५ को लखनऊ जिले के काकोरी रेलवे स्टेशन से छूटी “आठ डाउन सहारनपुर-लखनऊ पैसेन्जर ट्रेन” को चेन खींच कर रोका और क्रान्तिकारी पण्डित राम प्रसाद बिस्मिल के नेतृत्व में अशफाक उल्ला खाँ, पण्डित चन्द्रशेखर आज़ाद व ६ अन्य सहयोगियों की सहायता से समूची लौह पथ गामिनी पर धावा बोलते हुए सरकारी खजाना लूट लिया।
प्रोफेसर पांडे ने बताया कि इस कांड के बाद जब उन लोगों को पकड़ कर थाने लाया गया तो यह रात का समय था और सारे लोग सो रहे थे। एक मुंशी के अलावा वहां कोई नहीं था। अगर वे चाहते तो थाने से भाग खड़े होते। लेकिन मुंशी ने कहा की अगर आप लोग भाग गए तो हमारी नौकरी चली जाएगी। अतः उच्च कोटि के नैतिक आचरण का प्रदर्शन करते हुए वे वहां रुके रहे।
प्रोफेसर राकेश पांडे ने कहा की राम प्रसाद बिस्मिल , अशफाक उल्ला खाँ और पण्डित चन्द्रशेखर आज़ाद जैसे क्रांतिकारी युवाओं ने अपने बलिदान से देश को एकता व अखणडता का संदेश दिया।
यू-ट्यूब पर लाइव प्रसारण
वेबिनार का यु-ट्यूब पर भी लाइव प्रसारण किया गया।
वेबिनार का समन्वय एवं संचालन क्षेत्रीय प्रचार अधिकारी श्री शाहिद रहमान ने किया। वेबिनार में विशेषज्ञों के अलावा शोधार्थी, छात्र, पीआईबी, आरओबी, एफओबी, दूरदर्शन एवं आकाशवाणी के अधिकारी-कर्मचारियों तथा दूसरे राज्यों के अधिकारी-कर्मचारियों ने भी हिस्सा लिया। गीत एवं नाटक विभाग के अंतर्गत कलाकार एवं सदस्य, आकाशवाणी के पीटीसी, दूरदर्शन के स्ट्रिंगर तथा संपादक और पत्रकार भी शामिल हुए।
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