जमशेदपुर -निर्मल दा झारखंडी अस्मिता के प्रहरी थे: बन्ना गुप्ता

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जमशेदपुर।

स्वास्थ्य मंत्री  बन्ना गुप्ता ने आज कदमा उलियान में स्थित अमर शहीद निर्मल महतो जी के समाधि स्थल पर जाकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर नमन किया।

इस अवसर पर उन्होंने बताया कि निर्मल महतो एक अच्छे संगठन कर्ता थे, उनकी विशेषता थी कि किसी भी गलत आचरण के खिलाफ आवाज़ उठाने से डरते नहीं थे। वे आजीवन गरीबों के लिए लड़े, गरीब किसानों और मजदूरों के लिए लड़े, झारखंडियों का आत्मविश्वास और आत्मसम्मान प्रदान करने के लिए आखिरी दम तक लड़े. वे शहीद हुए, मगर अपने जीवन में ना कभी प्रलोभित हुए और ना ही किसी तरह का कोई समझौता किया.

उन्होंने कहा कि शोषित, पीड़ितों एवं ग़रीबों के साथी निर्मल महतो का एक ही सपना था कि अपना अलग झारखण्ड प्रान्त हो, ताकि झारखण्ड क्षेत्र में रहने वाले लोगों को शोषण, उत्पीड़न, अत्याचार और भ्रष्‍टाचार से मुक्ति दिलाई जा सके. ये उनके अथक प्रयास का ही परिणाम था कि 15 नवंबर 2000 को झारखण्ड अलग राज्य बना.

उन्होंने बताया कि आज ही के दिन 8 अगस्त 1987 की सुबह निर्मल दा किसी षडयंत्र के शिकार हुए और झारखण्ड आन्दोलन का सबसे चमकता हुआ सितारा बादलों के बीच गुम हो गया।स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि निर्मल दा के सपनों को साकार करने के लिए झारखंड सरकार प्रतिबद्ध हैं और यही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

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