–क्यों हो रहा है 4Labour codes का विरोध
जमशेदपुर.
केंद्र सरकार चार नए लेबर कोड ला रही है, जिसका ट्रेड यूनियन लगातार विरोध कर रही हैं. बैंक,एलआइसी, रेल व अन्य सेक्टरों से जुड़े यूनियन का देशव्यापी आंदोलन लगातार चल रहा है. ऐसे में, सवाल उठ रहा है कि आखिर इन चार नए लेबर कोड में ऐसा क्या है कि उसका इतना विरोध हो रहा है? मुख्यधारा की मीडिया इस विषय पर उतनी मुखर नहीं है, जिससे आम लोगों को जानकारी सही ढ़ंग से नहीं मिल पा रही है. इस विषय के साथ-साथ बैंक से जुड़े अन्य विषयों, संघर्षों और जीवन के अन्य पहलुओं पर यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के संयोजक रिंटू रजक से #KalimatiTalks के लिए अन्नी अमृता ने बातचीत की..इस बातचीत में रिंटू रजक ने न सिर्फ अपने प्रोफेशनल संघर्ष को साझा किया, बल्कि विस्तार से निम्नलिखित विषयों पर प्रकाश डाला–
1—क्यों चार लेबर कोड का हो रहा है विरोध?
रिंटू रजक ने बताया कि चालीस करोड़ श्रमिक सामाजिक सुरक्षा के दायरे से बाहर हो जाएंगे. असंगठित क्षेत्रों के श्रमिकों के लिए नया लेबर कोड बिल्कुल सही नहीं है. इससे उनके पीएफ, ग्रेच्युटी, मातृत्व लाभ जैसे अधिकार सीमित हो जाएंगे और मजदूरी,बोनस, ओवरटाइम सहित सुविधाएं प्रभावित होंगी. नए लेबर कोड ठेकाकरण को बढ़ावा दिया जाएगा जो मजदूर हित में नहीं है.
2—बैंकों की योजनाएं, खासकर दुर्घटना से संबंधित बीमा कवर के बारे में, जिसकी जानकारी लोगों को नहीं है. ज्यादातर लोग नहीं जानते कि एटीएम कार्डधारी को किसी भी प्रकार की दुर्घटना होने पर लाखों की बीमा का हक है, जिसका प्रीमियम बैंक से कटता है. घटना के तीन महीने के अंदर पीड़ित क्लेम कर सकते हैं.
3—कस्टमर और बैंककर्मी का आपसी रिश्ता
4—लगभग डेढ लाख कर्मचारियों की कमी है. बैंककर्मियों पर काम का बढ़ता बोझ स्ट्रेस पैदा कर रहा है. उनके मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है, जिस वजह से अक्सर ग्राहक और बैंककर्मी के बीच व्यवहार को लेकर विवाद की घटनाएं होती हैं.
5–साइबर फ्राॅड को लेकर बैंक के जागरुकता कार्यक्रम
रिंटू रजक ने अपने नंबर सार्वजनिक रुप से जारी करते हुए कहा कि किसी भी प्रकार की बैंक से संबंधित परेशानी के लिए लोग उन्हें बेहिचक संपर्क करें…मोबाइल नंबर–9431390800…
