स्थाईकरण और समान काम समान वेतन के चुनावी वायदों को भूली सरकार : कुणाल षाड़ंगी
जमशेदपुर।
कामगारों और मज़दूरों को समान काम के लिए समान वेतन और स्थाईकरण जैसे सब्जबाग दिखाकर सत्तारूढ़ हुई झारखंड मुक्ति मोर्चा नित गठबंधन की सरकार अब मज़दूरों की समस्याओं से बेपरवाह हैं। भारतीय जनता पार्टी ने झारखंड मुक्ति मोर्चा और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया। लगभग 5500 मनरेगा कर्मियों के जारी हड़ताल को लेकर भाजपा ने सरकार पर जबरदस्त हमला बोला। मंगलवार शाम को भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता और पूर्व विधायक कुणाल षाड़ंगी ने कहा कि झामुमो के मज़दूर हितैषी भाषण महज़ चुनावी जुमला था। भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि अपनी मांगों को लेकर मनरेगा कर्मी हड़ताल पर हैं। वहीं चुनावी वायदों को अमलीजामा पहनाने की जगह जेएमएम की सरकार मुकर रही है। कहा कि मनरेगा कर्मियों की जगह सरकार दूसरे अनुबंधकर्मियों से काम लेना चाह रही है, इससे लाखों मनरेगा कर्मियों पर बेरोजगारी की संकट खड़ी होगी। रविवार तक जहाँ लगभग सात लाख मज़दूरों को रोजगार मिल रही थी, वहीं अब यह संख्या घटकर लगभग 3.5 लाख तक सिमट गई है। भाजपा प्रवक्त कुणाल षाड़ंगी ने कहा कि सरकार की मानसिकता और कार्यसंस्कृति इस बात का प्रमाण है कि स्थाईकरण और समान कार्य, समान वेतन के वायदे महज़ चुनावी जुमले थें।
भाजपा ने कहा कि लाखों की संख्या में प्रवासी मज़दूर वापस आये हैं। उनके लिए जल संचयन, खेल मैदान का विकास, ग्रामीण जलापूर्ति योजनाएं, आवास योजना, भूमि विकास और बिरसा हरित ग्राम जैसी महत्वपूर्ण और महत्वकांक्षी योजनाओं पर ग्रहण लगता नज़र आ रहा है। भाजपा ने मनरेगाकर्मियों के हड़ताल पर चिंता ज़ाहिर करते हुए उनके प्रति सहानुभूति व्यक्त किया। भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि सरकार अविलंब मनरेगा कर्मियों की माँगों पर विचार करें अन्यथा हड़ताल के कारण लंबित योजनाएं बुरी तरह से प्रभावित होंगी। भाजपा ने माँग किया कि राज्य सरकार हठधर्मिता छोड़कर संवेदनशीलता के साथ मनरेगा कर्मियों के पक्ष में न्यायसंगत पहल करें ताकि लंबित योजनाओं से प्रवासी मज़दूरों सहित मनरेगा कर्मियों को भी रोजगार मुहैया हो सके।
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