
जमशेदपुर।
आदित्यपुर स्मॉल इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (एसिया) ने आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र की प्रमुख ज्वलंत समस्याओं का निदान कराने की मांग की है. साथ हीं कहा है कि संबंधित समस्याओं के कारण राज्य के औद्योगिक विकास पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है. इस संबंध में अध्यक्ष इन्दर कुमार अग्रवाल के नेतृत्व में एसिया की टीम ने आज राँची में राज्य के उद्योग सचिव अरवा राजकमल से मुलाकात की तथा उन्हें माँग पत्र सौंपा. पत्र में उम्मीद जताया गया है कि उद्योग सचिव के सार्थक प्रयास से हम पुनः अपने औधोगिक क्षेत्र पर गर्व कर सकेंगे. क्योंकि इन समस्याओं के कारण स्थानीय उद्यमी बाहरी निवेशकों नहीं बुला पा रहे हैं, जिससे अपने प्रदेश के विकास के साथ-साथ रोज़गार व राजस्व भी प्रभावित हो रहा है.


उपलब्ध भूमि को चिह्नित कर आवंटन की प्रक्रिया शुरु करेगा जियाडाः राजकमल
इस दौरान उद्योग सचिव के द्वारा एसिया की टीम के साथ बिन्दुवार वार्ता की गई. साथ हीं विभिन्न विभागों से संबंधित उद्योगों की समस्या का निदान कराने हेतु सार्थक पहल भी की जायेगी. उद्योग सचिव ने बताया कि जियाडा के पास अभी भी 1044 एकड़़ भूमि उपलब्ध है. उद्योग विभाग द्वारा जियाडा के पास उपलब्ध भूमि को चिह्नित कर नए उद्योगों की स्थापना हेतु भूमि का आवंटन करने की प्रक्रिया शुरु की जायेगी. साथ हीं जियाडा में नए प्रबन्ध निदेशक का पदस्थापन होने के बाद आदित्यपुर के उद्यमियों के साथ परिचयात्मक बैठक आहूत की जायेगी. उक्त बैठक में राज्य के मुख्य मंत्री के साथ उद्यमियों की बैठक की निधि का निर्धारण भी होगा.
रुग्ण/बन्द हो चुके उद्योगों को डीओपी नहीं मिलने के कारण उद्योगों का विकास रुका
माँग पत्र में इस बात का उल्लेख है कि आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र की वैसी औद्योगिक इकाईयाँ, जो कि किसी कारणवश रुग्ण अथवा बन्द हो चुकी है, उन्हें जियाडा द्वारा डीओपी नहीं दिया जा रहा है. विगत छह वर्ष से ज्यादा समय से यह मुद्दा राज्य सरकार और उद्योग विभाग के पास लंबित है. जमीन के अभाव में रुग्ण अथवा बन्द हो चुकी इकाईयाँ की जमीन के अभाव में दूसरे लोगों को बिक्री तो हो जाती है. परन्तु डीओपी नहीं मिलने के कारण जियाडा में उनका नाम ट्रांसफर नहीं हो पाता है. परिणामस्वरुप संबंधित उद्योगों को किसी वितीय संस्थान से वितीय सहायता नहीं मिल पाती है तथा संबंधित उद्योग का विकास रुक जाता है. और इसकी वजह से क्षेत्र के विकास के साथ-साथ रोजगार भी प्रभावित हो रहा है.
औद्योगिक क्षेत्र की सड़कों का करायें पुर्ननिर्माणः एसिया
मुलाकात के दौरान आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र की सड़कों का पुर्ननिर्माण कराने की माँग की गई है. मांग पत्र में इस बात का उल्लेख है कि पिछली सरकार की अमृत योजना के तहत विभिन्न एजेंसियों द्वारा पाईप लाईन और बिजली का केबुल बिछाने के नाम पर संपूर्ण औधोगिक क्षेत्र की सड़कों को पूर्णतः क्षतिग्रस्त कर दिया गया है. बार-बार हम लोगों व जियाडा द्वारा संवेदकों से आग्रह करने के बावजूद क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत नहीं की जा रही है. वहीं, क्षतिग्रस्त सड़कों की वजह से अक्सर होने वाली दुर्घटनाओं से जान माल की क्षति हो रही है.
इंडस्ट्री सेक्रेटरी द्वारा जल्द ही एक अच्छे जियाडा के लिये अनुभवी MDकी नियुक्ति की जाएगी
सेक्रेटरी इंडस्ट्री ने कहा कि वह जल्दी आदित्यपुर आकर उपायुक्त सरायकेला तथा पुलिस अधीक्षक के साथ सभी इंडस्ट्री वालों के साथ मिलकर एक मीटिंग करेंगे और वहां की जो भी समस्याएं हैं उसको सुलझाने का प्रयास करेंगे
इंडस्ट्री सेक्रेटरी ने कहा कि वह जल्दी ही आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र के उद्यमियों के साथ मुख्यमंत्री जी की झारखंड के औद्योगिक विकास के निमित्त एक बैठक भी करवाएंगे।
डी ओ पी के बारे में उन्होंने कहा कि जल्दी हम लोग इसका समाधान निकालने की कोशिश करेंगे ताकि जितने भी इंडस्ट्री इसके चलते अफेक्टेड है उनका जल्दी समाधान हो सके।
उन्होंने यह भी बताया कि झारखंड सरकार का फोकस इंडस्ट्री पर है और इसको बढ़ावा देने के लिए और सारे कदम उठा रहे हैं। लैंड बैंक के लिए भी उन्होंने कहा कि हम लोग इसमें कम कर रहे हैं और आदित्यपुर इंडस्ट्रियल एरिया में 1000 एकड़ से ज्यादा लैंड उन ऑक्यूपाइड दिख रहा है जिसका बारे में वह जानकारी लेकर इसको आवंटित करने की प्रक्रिया करेंगे
टीम में एसिया के अध्यक्ष इंदर कुमार अग्रवाल सहित महासचिव प्रवीण गुटगुटिया, देवांग गांधी और पिंकेश महेश्वरी शामिल थे.