रांची/आदित्यपुर:
आदित्यपुर नगर निगम क्षेत्र में पेयजल आपूर्ति और सीवेज सिस्टम निर्माण कार्य पूरे तीन वर्ष पूर्व समाप्त हो जाने के बावजूद अब तक न तो जलापूर्ति शुरू हो सकी है और न ही सीवेज सिस्टम चालू हुआ है। इस जनसमस्या को लेकर जन कल्याण मोर्चा, आदित्यपुर के अध्यक्ष अधिवक्ता ओम प्रकाश की ओर से झारखंड उच्च न्यायालय, रांची में दायर जनहित याचिका संख्या WP (PIL) No. 3629/2023 पर 16 अक्टूबर 2025 को सुनवाई हुई।
सुनवाई झारखंड उच्च न्यायालय के माननीय मुख्य न्यायाधीश श्री तरलोक सिंह चौहान एवं न्यायमूर्ति श्री राजेश रंजन की खंडपीठ ने की। मोर्चा की ओर से अधिवक्ता मनोज कुमार चौबे उपस्थित हुए।
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कोर्ट ने जताई नाराज़गी, मांगा जवाब
पिछली सुनवाई के दौरान न्यायालय ने सभी संबंधित प्रतिवादियों को निर्देश दिया था कि वे DL&SA (जिला विधिक सेवा प्राधिकरण), सरायकेला के सचिव की 6 अक्टूबर 2025 की जांच रिपोर्ट के आधार पर अपना-अपना शपथ पत्र दाखिल करें।
हालांकि, 16 अक्टूबर की सुनवाई में केवल आदित्यपुर नगर निगम और GAIL ने ही शपथ पत्र दायर किया, जबकि अन्य विभागों की ओर से कोई जवाब नहीं मिला।
इसे गंभीरता से लेते हुए न्यायालय ने अगली सुनवाई की तिथि 13 नवंबर 2025 तय की है और निर्देश दिया है कि जिन प्रतिवादियों ने अब तक शपथ पत्र नहीं दिया है, वे या तो जवाब दाखिल करें या स्वयं अदालत में उपस्थित हों।
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डीएलएसए की रिपोर्ट में खुलासा — सड़कों की बहाली अधूरी
माननीय उच्च न्यायालय ने पूर्व में यह जांच DL&SA सरायकेला को सौंपी थी कि पेयजल, सीवेज, गैस, टेलीफोन, बिजली आदि सेवाओं के लिए सड़कों को खोदने के बाद क्या बहाली (रेस्टोरेशन) का कार्य सही ढंग से हुआ है या नहीं।
जांच में यह सामने आया कि सड़कों की बहाली अभी भी अधूरी है और कई स्थानों पर मरम्मत कार्य ठीक से नहीं हुआ है।
इसके बाद न्यायालय की सख्ती के बाद संबंधित एजेंसियाँ — जुडको, GAIL आदि — अब तेजी से क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत में जुटी हैं।
जन कल्याण मोर्चा के अध्यक्ष अधिवक्ता ओम प्रकाश ने कहा कि “तीन साल से जनता पेयजल व सीवेज की सुविधा से वंचित है। न्यायालय के हस्तक्षेप से उम्मीद है कि अब जनहित के कार्यों में तेजी आएगी।”

