आदित्यपुर।
राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) जमशेदपुर में बुधवार को पहली बार दिव्यांग दिवस मनाया गया। इस मौके पर संस्थान में “Empowering Abilities, Encouraging Inclusion” शीर्षक वाली राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें दिव्यांगजनों की सुगम भागीदारी, जागरूकता और समावेशी वातावरण निर्माण पर व्यापक चर्चा हुई।
कार्यक्रम का उद्घाटन एनआईटी जमशेदपुर के निदेशक प्रो. गौतम सूत्रधार ने किया। उन्होंने समावेशी शैक्षणिक पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि एक प्रगतिशील संस्थान वही है, जहाँ हर विद्यार्थी को समान अवसर और गरिमा के साथ सीखने का मंच मिले।
संगोष्ठी का सफल संचालन गणित विभाग के डॉ. शक्ति प्रसाद, मानविकी एवं प्रबंधन विभाग के डॉ. सुशील कुमार, तथा विद्युत अभियांत्रिकी विभाग के डॉ. शुभ्रांशु कुमार तिवारी ने किया। कार्यक्रम में विशिष्ट वक्ताओं ने “दिव्यांगजन योजनाएँ”, “सभी के लिए समावेशी स्मार्ट कैंपस डिज़ाइन”, और “दिव्यांगजन अधिकार एवं कानून” जैसे महत्त्वपूर्ण विषयों पर विस्तार से प्रस्तुति दी।
सेमिनार को प्रो. राम विनॉय शर्मा, प्रो. सतीश कुमार, डॉ. मधु सिंह, तथा परामर्श समिति के सदस्यों—डॉ. सुनील मुर्मू, डॉ. कुंदन कुमार, डॉ. मृणाल सरकार और डॉ. मनीष कुमार झा—का महत्वपूर्ण सहयोग प्राप्त हुआ।
अपने पहले दिव्यांग दिवस आयोजन के साथ, एनआईटी जमशेदपुर ने दिव्यांगजन समावेशन की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण पहल की है, जो भविष्य में शिक्षा और सामाजिक समानता के क्षेत्र में बड़े बदलावों का मार्ग प्रशस्त करेगी।
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