आदित्यपुर: अखिल भारतीय धोबी महासंघ, जिला सरायकेला-खरसावां अंतर्गत आदित्यपुर इकाई द्वारा हरि हरि पूजा धूमधाम और श्रद्धा के साथ मनाई गई। यह आयोजन रजक समाज की वर्षों पुरानी परंपरा को निभाने और प्रकृति को प्रसन्न करने के उद्देश्य से किया गया था।
हर वर्ष आषाढ़ माह में रजक समाज के लोग यह पूजा करते हैं ताकि प्राकृतिक आपदाओं से बचाव और अच्छी वर्षा की कामना की जा सके। किंतु इस वर्ष एक सकारात्मक सामाजिक बदलाव देखने को मिला। समाज के सदस्यों ने बलि प्रथा का विरोध करते हुए इसे अंधविश्वास की संज्ञा दी और पूरी तरह प्रकृति पूजा, नदी पूजन और पौधारोपण कर कार्यक्रम को सम्पन्न किया।
कार्यक्रम की शुरुआत नदी पूजा से हुई, जिसके बाद समाज के लोगों ने सामूहिक रूप से पौधारोपण कर हरियाली और खुशहाल जीवन की कामना की। इस पहल को सभी ने एक पर्यावरण-जागरूकता अभियान के रूप में भी सराहा।
राष्ट्रीय महासचिव शारदा देवी ने अपने संबोधन में कहा, “बलि प्रथा अंधविश्वास का प्रतीक है, और हमें बाबा संत गाडगे जी के विचारों को अपनाते हुए शिक्षित समाज की ओर अग्रसर होना चाहिए।” उन्होंने रजक समाज की इस पहल की प्रशंसा की, जिसमें प्रकृति की पूजा कर जलवायु परिवर्तन से लड़ने का संकल्प लिया गया।
जिला महासचिव दुर्गा राम बैठा ने भी समाज से रूढ़िवादी परंपराओं को छोड़ने और शिक्षित होने का आह्वान किया।इस अवसर पर मुख्य रूप से शारदा देवी, दुर्गा राम बैठा, अतुल राज, सिया राज, पूनम बैठा, मनोज रजक, वीरेंद्र रजक, सुरेश रजक, सूरज रजक, अशोक रजक, बबलू रजक, बबीता रजक, रितु रानी, निशा रानी समेत सैकड़ों लोग उपस्थित रहे। कार्यक्रम ने समाज में सकारात्मक बदलाव और पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता का स्पष्ट संदेश दिया।