जामताड़ा।
देशव्यापी चलाए जा रहे टीवी उन्मूलन अभियान में जामताड़ा जिला भी बढ़-चढ़कर योगदान दे रहा है। जिसमें समाज के सभी वर्गों को शामिल किया जा रहा है। सरकार के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग की ओर से कई गतिविधियां संचालित की जा रही है। इसके अलावे डायग्नोसिस के क्षेत्र को मजबूत और संसाधन युक्त बनाने की दिशा में भी प्रयास जारी है। जल्द ही जामताड़ा जिला में आरटी- पीसीआर मशीन उपलब्ध कराया जा रहा है। जिससे बलगम जांच किया जा सके। वही ट्रू नैट और प्रेप मशीन के द्वारा जामताड़ा जिला में जांच की सुविधा उपलब्ध है। इसके साथ ही टीवी प्रिवेंशन ट्रीटमेंट (टीपीटी) की दिशा में भी पहल की जा रही है। जिसका मूल उद्देश्य है कि टीवी संक्रमित मरीजों को ढूंढ कर उनका समुचित इलाज करना और उनके संपर्क में रहने वाले परिजनों को जांच एवं दवा के माध्यम से सुरक्षित रखना। उक्त जानकारी यक्ष्मा दिवस के मौके पर आयोजित सिविल सर्जन कार्यालय में मीडिया ब्रीफिंग के दौरान जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ डीसी मुंशी ने दी।
डॉ मुंशी ने बताया कि टीबी रोग के इलाज में सबसे बड़ी बाधा जागरूकता का अभाव है। लोग अभी भी इस संकोच में रहते हैं और अपनी बीमारी को छिपाने का प्रयास करते हैं क्योंकि समाज के लोग उन्हें हेय दृष्टि से ना देखें। जबकि टीवी अब लाइलाज नहीं है। समय पर लक्षण प्रतिलक्षित होते ही जांच करवाने और उपचार शुरू करवाने से 6 महीने से 12 महीने में इस बीमारी को जड़ से खत्म किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि लोगों को जागरूक करने के लिए 24 मार्च से 13 अप्रैल तक व्यापक जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। जिसके तहत अब प्रत्येक प्रखंड में संचालित वैलनेस सेंटर के माध्यम से टीवी मरीज को चिन्हित करने का काम किया जाएगा। सीएचओ के माध्यम से वैसे चिन्हित मरीज को उपचार के लिए नजदीकी अस्पताल तक पहुंचाया जाएगा।
आंकड़े की बात करें तो वर्ष 2020 में 6980 लोगों का बलगम जांच किया गया जिसमें 686 पॉजिटिव केस मिले। वहीं वर्ष 2021 में 2750 लोगों का बलगम जांच किया गया जिसमें 404 पॉजिटिव केस पाए गए। जबकि वर्ष 2022 के फरवरी महीने तक 257 टेस्ट किया गया जिसमें 44 पॉजिटिव किस पाए गए हैं। वर्तमान में जिला में 757 टीवी के एक्टिव केस है जिनका इलाज किया जा रहा है।
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