Jamshedpur News:सिविल कोर्ट में हुआ नेशनल लोक अदालत का आयोजन , 16 बेंचे गठित

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सिविल कोर्ट में हुआ नेशनल लोक अदालत का आयोजन , 16 बेंचे गठित
जमशेदपुर । नालसा एवं झालसा के निर्देश पर जिला विधिक सेवा प्राधिकार जमशेदपुर द्वारा व्यवहार न्यायालय के लोक अदालत कक्ष में इस वर्ष का प्रथम मेगा नेशनल लोक अदालत का आयोजन आज 12 मार्च को व्यापक रूप से किया गया । नेशनल लोक अदालत का उदघाटन शहर के आम नागरिक के रूप में पहुँचे बृद्ध महिला – पुरुष ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया । इस मौके पर बतौर मुख्य अतिथि के रूप में प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश माननीय अनिल कुमार मिश्रा एवं विशिष्ठ अतिथियों में प्रधान न्यायाधीश कुटुम्ब न्यायालय श्री नीरज कुमार श्रीवास्तव , श्रम न्यायालय के न्यायाधीश श्री रामा शंकर सिंह , स्टेट वार एसोसिएशन के उपाध्यक्ष श्री राजेश कुमार शुक्ल , जिला वार एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री लाला अजित राय अम्बष्ठा, जिला वार एसोसिएशन के सचिव श्री अनिल कुमार तिवारी सहित सिविल कोर्ट के मजिस्ट्रेट व अधिवक्ता गण मौजूद रहे । मुख्य अतिथि प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री अनिल कुमार मिश्रा ने लोक अदालत की महत्ता पर प्रकाश डाला और लोगों को जागरूक करते हुए कहा कि नेशनल लोक अदालत में अपने मामलें का त्वरित समाधान पाकर समय और पैसा दोनों की बचत कर सकते हैं । वहीं स्टेट वार एसोसिएशन के उपाध्यक्ष राजेश शुक्ल ने लोक अदालत को विवादों के समझौता द्वारा निष्पादन करने का एक बेहतर मंच बताया और कहा कि नालसा , झालसा व डालसा समाज के अंतिम व्यक्ति तक न्याय पहुँचाने में काफी मददगार साबित हुई है । यही कारण है कि जमशेदपुर व्यवहार न्यायालय में लंबित वादों का काफी संख्या में लोकअदालत के माध्यम से निपटारा किया गया है । मंच का संचालन सौदामनी मुंसिफ जमशेदपुर ने किया । नेशनल लोक अदालत में अधिक से अधिक मामलें का समाधान के लिए कुल 16 बेंचों का गठन किया गया था । इसके लिए डालसा सचिव के नेतृत्व में नेशनल लोक अदालत की व्यापक तैयारियां की गयी थी । जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव नीतीश निलेश सांगा ने बताया कि सुलह योग्य सभी प्रकृति के मामलों का नेशनल लोक अदालत में निपटारा किया गया , जिनमें मुख्य रूप से वन अधिनियम, बिजली अधिनियम, मापतौल अधिनियम, उत्पाद अधिनियम, बैंक ऋण, चेक बाउंस, श्रम अधिनियम, न्यूनतम मजदूरी अधिनियम, मोटरयान दुर्घटना मुआवजा, भूमि अधिग्रहण से संबंधित वाद, खान अधिनियम, पारिवारिक वाद, सुलह योग्य आपराधिक और दीवानी मामले आदि के केस शामिल हैं । नेशनल लोक अदालत में सैकड़ों मामलों का समाधान किया गया और करोड़ो रूपये की राजस्व प्राप्ति हुई ।

एक दुर्घटना सम्बंधी 1992 के पुराने केस को मध्यस्थता के माध्यम से निष्पादन किया गया जिसे नेशनल लोक अदालत में 4,35000 / – में उक्त केस को शेटल किया गया ।

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