जामताड़ा।
पंच देवता पूजन,गौरी पूजन, गो पूजन, कुमारी कन्या पूजन, यज्ञ-हवन, कलश विसर्जन के साथ आस्था का महाकुंभ तीन दिवसीय मां चंचला के नवम वार्षिक महोत्सव का मंगलवार को निर्विघ्न समापन हुआ। महोत्सव के अंतिम दिन मंदिर के पुजारियों द्वारा मुख्य यजमान वीरेंद्र मंडल एवं महोत्सव समिति के महत्वपूर्ण सदस्यों के द्वारा यज्ञ हवन के साथ पारंपरिक विधि विधान, वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच सभी की मंगल कामना के साथ अनुष्ठान संपन्न हुआ। अंतिम दिन श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी गई। श्रद्धालुओं ने भी हवन कुंड में आहुति दी एवं परिवार, स्वजन के के लिए मंगल कामना किया।
महोत्सव समिति के अध्यक्ष वीरेंद्र मंडल ने महोत्सव शांतिपूर्ण संपन्न होने पर प्रसन्नता व्यक्त किया। कहा कि महोत्सव उत्साहजनक रहा साथ ही सभी श्रद्धालुओं ने कोरोना गाइड लाइन का पालन करते हुए महोत्सव में हिस्सा लिया। जो सनातन संस्कृति की गहराई को दर्शाता है। सनातन संस्कृति में नियम की प्रधानता है, चाहे वेद आज्ञा हो या राज आज्ञा। कहा कि मूलतः नियम के अनुसार चलना ही धर्म है। मंडल ने बताया कि महोत्सव की सफलता के लिए मां चंचला की कृपा से स्थानीय लोगों के साथ साथ स्थानीय सामाजिक संगठनों, युवाओं, नगर प्रशासन, जिला प्रशासन, पत्रकारों, बुद्धिजीवियों, मातृशक्ति रुपी माताओं और बहनों का महत्वपूर्ण योगदान रहा। उन्होंने आभार प्रकट करते हुए सभी के योगदान का सराहना किया।
जामताड़ा नगर पंचायत के अध्यक्ष रीना कुमारी अनुष्ठान निर्वाध संपन्न होने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए सहयोग के लिए जामताड़ा नगर वासियों का आभार प्रकट किया। साथ ही जामताड़ा नगर के विकास एवं कोरोना महामारी से मुक्ति के लिए माता रानी से प्रार्थना की। नगर अध्यक्ष रीना कुमारी ने महोत्सव पश्चात मिली उर्जा से दोगुनी रफ्तार से नगर जनों की सेवा के लिए ऊर्जा को लगाने का संकल्प व्यक्त किया। मौके पर भारी संख्या में श्रद्धालु, नगर के मातृ शक्ति रुपी माताएं, बहने, युवा, वयस्क, बालक, बालिकाएं एवं अन्य भक्तजन उपस्थित थे।
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