Jamshedpur
2 जनवरी, 1919 जमशेदपुर के लिए यादगार दिन था, जब भारत के तत्कालीन वायसराय लॉर्ड चेम्सफोर्ड ने हमारे संस्थापक जमशेदजी नसेरवानजी टाटा के सम्मान में शहर का नाम ’साकची’ से ’जमशेदपुर’ रखा।
लॉर्ड चेम्सफोर्ड ने प्रथम विश्व युद्ध के दौरान ब्रिटेन को दिये गए निरंतर समर्थन के लिए टाटा आयरन एंड स्टील कंपनी (टिस्को, अब टाटा स्टील) के प्रति आभार व्यक्त करने के लिए पहली बार स्टील सिटी का दौरा किया था, क्योंकि यही मदद मेसोपोटामिया, फिलिस्तीन और पूर्वी अफ्रीकी में अंग्रेजों के युद्ध जीतने का एक प्रमुख कारक बना।
इस अवसर पर लॉर्ड चेम्सफोर्ड ने कहा, “मैं इस युद्ध के पिछले चार वर्षों के दौरान टाटा कंपनी द्वारा किये गए महान कार्यों की सराहना करने के लिए यहां आना चाहता था। यदि टाटा कंपनी हमें न केवल मेसोपोटामिया के लिए बल्कि मिस्र, फिलिस्तीन और पूर्वी अफ्रीका में इस्तेमाल के लिए स्टील नहीं दे पाती, तो हम इस चार वर्षां में क्या करते, इसकी मैं कल्पना भी नहीं कर सकता।’’।
युद्ध के लिए 29,000 टन स्टील की आपूर्ति की गयी थी, जिसका मुख्य रूप से रेल बनाने के लिए उपयोग किया जाता था। छोटी मात्रा में शेल बार स्टील का इस्तेमाल किया गया था, जिन्हें शेल का खोल बनाने के लिए राउंड बार में रोल किया जाता था। शेल यानी गोले का निर्माण ऑर्डीनेंस फैक्ट्रियों में किया गया था, जो टाटा स्टील का हिस्सा नहीं थे।
Comments are closed.