जामताड़ा।
जामताड़ा चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष संजय अग्रवाल ने कहा कि पहले कच्चे धागे से बनने वाले कपड़े एवं परिधान पर भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के द्वारा 5% जीएसटी लिया जाता था। लेकिन भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के जीएसटी परिषद द्वारा 1 जनवरी 2022 से कपड़े पर 12% जीएसटी लेने का निर्णय किया है, जो काफी चिंताजनक है। पूरे भारत के कपड़े के व्यापार करने वाले एवं कपड़े बनाने वाले व्यापारी इस निर्णय को वापस लेने की मांग करते हैं। जीएसटी परिषद के द्वारा प्रस्तावित वृद्धि को वापस नहीं करती है तो कपड़े के उद्योग पर इसका गहरा असर पड़ेगा।
संजय ने कहा कि जब कच्चे धागे महंगे हो जाएंगे तो स्वत: उससे बनने वाले कपड़े और परिधान महंगे हो जाएंगे। इससे आम लोगों को कपड़े खरीदने में ज्यादा परेशानी होगी। रोटी, कपड़ा और मकान यह लोगों की आम जरूरत की चीजें है। इस पर भारत सरकार एवं राज्य सरकार को ध्यान देने की आवश्यकता है। कहा कि अभी पूरे विश्व के साथ-साथ पूरे भारत के लोग संक्रमण काल से धीरे-धीरे निकल रहे हैं। ऐसी स्थिति में इस तरह का निर्णय दुर्भाग्यपूर्ण है।
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