पुनीत हो हर बेला आज की_ _ _ _ _

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पुनीत हो हर बेला आज की,
यह जन्मदिवस आपका शुभ हो।
जितनी भी चुनौतियां आए राहों में,
आप उन सभी में विजयी हो।
कांटों पर चलते रहे खुद ,
देश को आगे बढ़ाया है ।
बने राष्ट्र अपना यह विश्व गुरु ,
आपने बस यही सपना सजाया है।
वह सब आपने कर दिखाया,
जो अब तक सबने बस था सोचा ।
कई वर्षों तक गद्दारों ने ,
मिल भारत मां को था नोचा।
गिरवी रख संपदा देश की ,
विदेशियों का ऋणी बनाया।
कमजोर है देश की अर्थव्यवस्था,
जनता को बस इतना ही बताया।
जब से आप ने संभाली सत्ता,
कट गए गद्दारों का पत्ता।
अब है मिलकर सब बौखलाए,
नए-नए षड्यंत्र रचाए।
व्यक्तित्व आपकी सूर्य समान है,
जिसे काले बादल ढक ना पाए।
हे युगपुरुष धन्य हैं आप जिन्होंने,
आपदा को भी अवसर बनाए।
थामे रहे बागडोर देश की,
ईश्वर का भी यही इशारा है।
बढ़ती रहे ख्याति आपकी नित -दिन,
जब तक गंगा जमुना की जलधारा है।

*रीति झा*

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