हिमाचल में भूस्खलन : किन्नौर-हरिद्वार हाईवे पर बस समेत कई वाहनों पर चट्टानें गिरीं, 40 से ज्यादा यात्री मलबे में दबे
हरिद्वार:-हिमाचल प्रदेश के किन्नौर में एक बार फिर लैंडस्लाइड हुई है। किन्नौर से हरिद्वार जाने वाले नेशनल हाईवे-5 पर ज्यूरी रोड पर निगोसारी और चौरा के बीच अचानक एक पहाड़ दरक गया। एक बस और कई वाहनों पर चट्टानें गिरी हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, 40 से ज्यादा यात्री मलबे में फंस गए हैं। स्थानीय प्रशासन, पुलिस और NDRF की टीमें रेस्क्यू में लगी हैं। मलबे में फंसी बस हरियाणा सड़क परिवहन की है, जो मूरंग से हरिद्वार जा रही थी।
चलती बस और कार के ऊपर गिरा पहाड़, हिमाचल में हुए हादसे की डरावनी तस्वीरें
किन्नौर जिले के चौरा और निगुलसरी के मध्य नेशनल हाईवे पर चट्टानों के गिरने के बाद रेस्कयू ऑपरेशन में देरी पर लोग बिफर गए. लोगों का कहना था कि हादसे को हुए 6 घंटे से भी अधिक समय हुआ, लेकिन अभी तक नेशनल हाईवे अथॉरिटी की मशीनरी मौके पर नहीं पहुंच रही है.
लोगों का कहना था कि मलबे में दबे लोगों को रेस्क्यू करने में देरी हुई है. इस तरह की लापरवाही पर उन्होंने खेद जताया. उनका कहना था कि ऐसे समय में तुरंत मशीनरी लाकर रेस्क्यू ऑपरेशन किया जाना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. हालांकि, अब आईटीबीपी, एनडीआरएफ, पुलिस राहत बचाव कार्य जुटी हुई है.
25 से अधिक लोगों के फंसे होने की आशंका
वहीं, किन्नौर के नुगुलसारी इलाके में भूस्खलन स्थल से कुल 10 शव बरामद किए गए हैं. अब तक 14 लोगों को बचा लिया गया है. सर्च ऑपरेशन में आईटीबीपी के 300 जवान लगे हैं. वहीं, जिस बस के लापता होने की सूचना मिली थी वह अब दिखाई दे रही है. Earth mover machines के जरिए मलबा हटाया जा रहा है. इस बस में 25 से अधिक लोगों के फंसे होने की आशंका है. रेस्क्यू में 2 घंटे से अधिक का वक्त लग सकता है.
ITBP के मुताबिक, हादसे के वक्त रिकांग पियो-शिमला राजमार्ग पर 6 से 7 गाड़ियां 200 मीटर की दूरी के बीच मूव कर रही थीं, तभी अचानक पहाड़ी से पत्थरों के गिरने का सिलसिला शुरू हो गया. इस वजह से वहां गाड़ियों को निकलने का मौका नहीं मिल पाया. करीब 6 गाड़ियां थीं, जिसमें 50 से 60 लोगों के होने की आशंका है.
इधर, मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने इस हादसे पर बयान दिया है. मुख्यमंत्री का कहना है कि रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है. बारिश और अंधरे के कारण रेस्क्यू में थोड़ी परेशानी आ रही है, लेकिन जल्दी ही राहत-बचाव कार्य पूरा हो जाएगा.
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