JAMSHEDPUR -सैम को मारेंगे, मारने का पैसा मिला है सुपारी देकर कराई गई तरनजीत की हत्या

93

संदिग्ध हत्यारे का पुलिस ने फोटो उपलब्ध कराया
मामा कुलदीप भारत लौटे, घर वालों को दी घटना की जानकारी
जमशेदपुर। गत 11 जुलाई को फिलीपीन की राजधानी मनीला के ताईताई मनीला ईस्ट रोड में दिनदहाड़े तरनजीत सिंह समी उर्फ सैम की हत्या सुपारी किलरों ने की थी। इसका खुलासा लौहनगरी पहुंचकर मृतक तरनजीत सिंह के मामा कुलदीप सिंह ने घरवालों के समक्ष किया है।
कुलदीप सिंह मनीला से दुबई होते हुए भारत लौट आया है और अब वहां वहां जाना नहीं चाहता। लेकिन मनीला में जमा जमाया कारोबार समेटने के लिए उसे एक बार फिर मनीला जाना पड़ सकता है।
सीतारामडेरा स्थित घर पहुंच कर वह सदमे एवं भय के दायरे से बाहर आ सका है। पत्रकारों के सवाल के जवाब में उसने कहा कि 11 जुलाई को वह तनाईकिया मनीला स्थित दुकान में था तभी दोपहर तकरीबन साढ़े बारह बजे तरनजीत की महिला मैनेजर माइला से घटना की जानकारी मिली और वह महिला अस्पताल पहुंचा जहां इलाज के क्रम में तरनजीत की मौत हो गई।
वहां स्थानीय लोगों के सहयोग से ही उसका संस्कार किया लेकिन घटना की जानकारी मिलने के बाद उसने अपने आप को घर में कैद कर लिया।
उसके अनुसार घटना के समय तरनजीत भोजन कर रहा था और जीना नामक महिला वेटर सर्व कर रही थी। तभी दो युवक हेलमेट लगाकर रेस्टोरेंट में घुसे। पहला प्रवेश द्वार पर खड़ा रहा जबकि दूसरा डीप फ्रिज के सामने खड़े होकर विभिन्न प्रकार के आइसक्रीम का दाम माईला से पूछने का उपक्रम करने लगा। दाम पूछने वाले युवक ने फिर पिस्टल निकाला और तरनजीत की ओर आगे बढ़ा। तरनजीत स्थिति को भांप पीछे दरवाजे से बचाव को भागा तो प्रवेश द्वार के सामने खड़ा पहला युवक भी बाहर पार्किंग की ओर बढ़ा। पिछले दरवाजे से होकर तरनजीत जैसे ही पार्किंग तक पहुंचा तो पहले वाले युवक ने उसे गोली मारी। पीछे पीछे जीरा पहुंची और उसने ऐसा करने से मना किया तो हमलावर ने कहा कि इसे मारने के पैसे मिले हैं और इस को गोली मारना ही है। उधर तरनजीत ने भी बचाव में मायला मायला और हेल्प हेल्प चिल्लाना शुरू किया हमलावर ने देखते-देखते चार गोली मारी और भाग खड़ा हुआ। फिर दोनों हमलावर दुपहिया लेकर मनीला ईस्ट रोड होते हुए भाग् गए।
महिला पुलिस ने माईला के बयान पर प्राथमिकी दर्ज की है और घटनास्थल के समक्ष मेन रोड के वीडियो फुटेज खंगाले हैं। उसमें हमलावर भागते हुए दिखे हैं और पुलिस ने उनकी पहचान भी लगभग कर ली है। इनका संबंध पेबलॉय सेबेस्टियन गिरोह से बताया जा रहा है।
इधर घर वालों को शंका है कि व्यवसायिक प्रतिद्वंदिता के कारण ही फिलिस्तीन में पिछले कई सालों से व्यापार कर रहे एक सिख व्यापारी का हाथ हो सकता है। चार साल में तरनजीत ने खुद को वहां स्थापित कर लिया और तकरीबन ढाई करोड़ की परिसंपत्ति उसके दुकान में है और नया रेस्टोरेंट भी खोल लिया था। उसी के व्यापारी के साथ कई बार तरनजीत उर्फ सेम की कहासुनी हो चुकी थी। कुलदीप के अनुसार उक्त सिख व्यापारी जोजो ने दो दिन पहले अर्थात 9 जुलाई को कहा था कि उसे अज्ञात कॉल मिला है और कॉलर ने उसे गोली मारने की धमकी दी थी। तब तरनजीत सैम ने जोजो को स्पष्ट कर दिया था कि वह यहां धंधा करने और पैसा कमाने आया है गुंडागर्दी करने नहीं। अब ऐसे में सवाल उठ रहा है क्या किसी तीसरे पक्ष ने दोनों की प्रतिद्वंद्विता का फायदा उठाते हुए यह कांड करवाया है। यह सच हत्यारों की गिरफ्तारी एवं पुलिस पूछताछ से ही सामने आएगा। पुलिस के अनुसार हमलावर गिरोह के सदस्यों का कोई स्थाई ठिकाना नहीं है और वे खानाबदोश है।

Comments are closed.

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More